शिक्षकों का चुनाव ड्यूटी से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित

जिले में 10वीं और 12वीं के छात्रों का भविष्य गंभीर संकट में नजर आ रहा है, क्योंकि बोर्ड परीक्षाओं से ठीक पहले बड़ी संख्या में शिक्षकों को SIR और अन्य चुनावी कार्यों में लगा दिया गया है। इसके कारण सरकारी स्कूलों में पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो गई है और हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, फिजिक्स व केमिस्ट्री जैसे मुख्य विषयों का सिलेबस अब तक पूरा नहीं हो पाया है। कई स्कूलों में नियमित कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं, जिससे छात्र मानसिक तनाव में हैं और परीक्षा की तैयारी को लेकर चिंता जता रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बोर्ड परीक्षा के समय शिक्षकों की लंबी चुनावी ड्यूटी शिक्षा के अधिकार और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, लेकिन अब तक प्रशासन या शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस समाधान या वैकल्पिक व्यवस्था सामने नहीं आई है, जिससे छात्रों और अभिभावकों की चिंता और बढ़ गई है।







