दादा गुरु की चौथी नर्मदा परिक्रमा में मांडू आगमन, धर्मसभा में दिए संदेश

मध्यप्रदेश के धार जिले के मांडू में निराहारी संत दादा गुरु अपनी चौथी नर्मदा परिक्रमा के दौरान पहुंचे, जहाँ श्रद्धालुओं की सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने उनका स्वागत किया। दादा गुरु के आगमन पर नगर वासियों और उनके शिष्यों ने पुष्पहारों से अभिनंदन किया और लोग उनके पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे। दादा गुरु ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मां नर्मदा सिर्फ एक नदी नहीं बल्कि हमारे जीवन और अस्तित्व का प्रतीक हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में नदियों, धरती, पर्वत और वृक्षों के साथ प्रकृति की पूजा को धर्म मानने और जल, जंगल, जमीन एवं समस्त ब्रह्मांड में ईश्वर की ऊर्जा का वास होने पर जोर दिया। दादा गुरु ने मांडू की ऐतिहासिक और पौराणिक धार्मिक महत्ता का भी उल्लेख किया और कहा कि यहाँ की हवा में ईश्वर का निवास महसूस होता है। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के लिए पूरे कार्यक्रम में कड़ी सतर्कता बनाए रखी।







