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स्वदेशी मेले में सिक्ख समाज की भव्य प्रस्तुति, गतका के शौर्य प्रदर्शन ने मोहा जनमानस

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रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित स्वदेशी मेले के अंतर्गत सिक्ख समाज की ओर से प्रस्तुत सांस्कृतिक एवं शौर्य प्रदर्शन कार्यक्रम ने दर्शकों को अभिभूत कर दिया। इस विशेष अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी एवं छत्तीसगढ़ सिक्ख फोरम के अध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह भाटिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान सिक्खों की पारंपरिक मार्शल आर्ट गतका का भव्य एवं रोमांचक प्रदर्शन राजवीर सिंह एवं उनकी टीम द्वारा किया गया। तलवार, ढाल और चक्र के साथ युद्ध कौशल, अद्भुत संतुलन और अनुशासन से परिपूर्ण इस प्रस्तुति ने दर्शकों को वीरता और शौर्य की ऐतिहासिक परंपरा से साक्षात्कार कराया।
गतका प्रदर्शन में चक्र घुमाने की कला, तलवार एवं ढाल से युद्ध के जीवंत अभ्यास, तथा शरीर पर रखी बर्फ की सिल्ली को तोडऩे जैसे साहसिक करतबों ने दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया। इन हैरतअंगेज़ करतबों को देखकर पूरा परिसर तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा और दर्शक विस्मय में डूब गए।
मुख्य अतिथि सरदार बलदेव सिंह भाटिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि गतका केवल एक युद्ध कला नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मबल, साहस और धर्मरक्षा की प्रेरणा का प्रतीक है। उन्होंने स्वदेशी मेले के मंच से ऐसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम के माध्यम से सिक्ख समाज की गौरवशाली परंपरा, वीरता, त्याग और स्वदेशी मूल्यों का सशक्त संदेश जनमानस तक पहुँचा। स्वदेशी मेला न केवल आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत कर रहा है, बल्कि देश की विविध सांस्कृतिक धरोहरों को भी एक मंच प्रदान कर रहा है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास पर मान होना चाहिए खालसा पंथ का सृजन मानवता की सेवा और अन्याय के खिलाफ मानवता को न्याय दिलाने के लिए हुआ है।

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