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गांधी के नाम पर राजनीतिक दुकानदारी चलाने की मंशा में कांग्रेसी अब कामयाब नहीं होंगे : कश्यप

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘वीबी-जी राम जी’ किए जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक द्वारा किए जा रहे प्रलाप को कांग्रेस का ओछा राजनीतिक हथकण्डा बताया है। श्री कश्यप ने कहा कि अपने आलाकमान की चाटुकारिता करने की होड़ में बैज खुद को अव्वल बनाए रखने के लिए ऊलजलूल बयानबाजी कर रहे हैं।
कश्यप ने कहा कि अब वीबी- जी राम जी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज झूठ की राजनीति कर रहे हैं। दरअसल बैज को अपने आलाकमान को खुश करने का कोई मौका हाथ नहीं लग रहा है और अब उन्हें यह डर सता रहा है कि कांग्रेस के ‘परिवारवादी आलाकमान’ के सामने कहीं उनका नम्बर कम न हो जाए, इसलिए वे इस तरह की बेसिर-पैर की बातें करने में लगे हुए हैं। श्री कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के लोग जनहित के बजाय ऊलजलूल विषयों पर ‘बयानवीर’ बनने और भ्रम फैला में जुटे हुए नजर आ रहे हैं। बैज की बेचैनी दरअसल इस बात को लेकर है कि योजना में ‘राम जी’ अनायास ही जुड़ गया है। कांग्रेसियों को महात्मा गांधी अपने लिए राजनीतिक इस्तेमाल के लिए मुफीद लगते हैं, अन्यथा आज महात्मा गांधी के नाम पर हायतौबा मचा रहे कांग्रेस नेताओं को यह पता होना चाहिए कि इस योजना को पहले ‘नरेगा’ कहा जाता था और चुनावी लाभ के नजरिए से इस योजना में काफी अर्से बाद महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया था जिससे यह योजना ‘मनरेगा’ नाम से जानी गई।
प्रदेश के वन मंत्री कश्यप ने कहा कि बजाय योजना के नए नामकरण पर प्रलाप करने के कांग्रेस नेताओं को योजना के कथ्य व लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए। लेकिन, कांग्रेसी अपने परिवारवादी राजनीतिक चरित्र के खाके से बाहर निकलने को तैयार ही नहीं हैं। अब इस योजना में 100 के बजाय 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी जा रही है। कश्यप ने कहा कि मनरेगा के जरिए कांग्रेस के लोगों ने भ्रष्टाचार की जो हदें पार कर दी थीं, उसे रोकने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक प्रभावी कदम उठाया है। कांग्रेसी आज भी गांधी के नाम पर अपनी राजनीतिक दुकानदारी चलाने की फिराक में हैं, लेकिन अपनी इस मंशा में कांग्रेस अब कामयाब नहीं होगी।

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