बालाघाट में नक्सलवाद का अंत दो नक्सली ने किया आत्मसमर्पण

मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से बड़ी खुशखबरी सामने आई है। एमएमसी जोन के दो सक्रिय नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद बालाघाट जिला अब पूरी तरह नक्सल-मुक्त हो गया है। गुरुवार को सीआरपीएफ के कोरका कैंप में डीसीएम रेंक के दीपक और एसीएम रेंक के रोहित ने आत्मसमर्पण किया। दोनों नक्सलियों पर अलग-अलग राज्यों में कुल 43 लाख रुपये का ईनाम घोषित था। सरेंडर के समय दीपक ने कार्बाइन गन और कारतूस भी पुलिस को सौंपे।
बालाघाट पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी संजय कुमार, सीआरपीएफ आईजी नीतू भट्टाचार्य, कलेक्टर मृणाल मीना और एसपी आदित्य मिश्रा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी दी। आईजी संजय कुमार ने बताया कि अब मध्यप्रदेश के एरिये में नक्सलवाद खत्म हो गया है। कलेक्टर मृणाल मीना ने कहा कि इससे प्रभावित लगभग सौ गांवों में विकास की गतिविधियां सुचारू रूप से शुरू होंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वर्चुअल उपस्थिति में बताया कि 42 दिनों में एमएमसी जोन में 42 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिन पर कुल 7 करोड़ 75 लाख रुपये के इनाम थे। मुख्यमंत्री ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरेंडर पॉलिसी के तहत मुख्यधारा में लौटकर नया जीवन देने की बात कही।







