आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन की जेल में संदिग्ध मौत की जांच के लिए साैंपा ज्ञापन

कांकेर। सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत पर भानुप्रतापपुर की कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी के नेतृत्व में परिवारजनों और आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने जेल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही, महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने और हत्या का आरोप लगाते हुए आज शुक्रवार काे थाना चारामा प्रभारी को ज्ञापन सौंपा है। नाराज परिजनों ने मौत के 30 घंटे बाद भी अब तक जीवन ठाकुर का अंतिम संस्कार नहीं किया है।भानुप्रतापपुर की कांग्रेस विधायक सावित्री मंडावी ने भी बिना सूचना के रायपुर स्थानांतरित करने के आदेश की मजिस्ट्रियल जांच की मांग की है। वहीं इस मामले में रायपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक योगेश कुमार क्षत्री ने कहा कि बंदी जीवन ठाकुर की मौत मेकाहारा में इलाज के दौरान हुई है। कांकेर में बीमार होने पर इलाज के लिए ही यहां भेजा गया था। बंदी की मौत की नियमानुसार दंडाधिकारीय जांच होगी।
मिली जानकारी के अनुसार जीवन ठाकुर को फर्जी वन पट्टा बनाने के आरोप में कांकेर पुलिस ने उन्हें 12 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जिला जेल कांकेर में रखा गया था। परिजनों का आरोप है कि 2 दिसंबर को उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। न तो स्थानांतरण की जानकारी दी गई और न ही स्वास्थ्य बिगड़ने या अस्पताल में भर्ती कराए जाने की कोई सूचना परिजनों को दी गई।बताया जा रहा है कि 4 दिसंबर की सुबह 4:20 बजे जीवन ठाकुर को डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर में भर्ती कराया गया, जहां सुबह 7:45 बजे उनका निधन हो गया। परिवार को इस गंभीर घटना की जानकारी शाम लगभग 5 बजे दी गई। परिजनों का कहना है कि यदि उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी, तो समय रहते समुचित उपचार क्यों नहीं दिया गया और रेफर किए जाने के बावजूद सूचना क्यों नहीं दी गई। गोंडवाना समाज के सुमेर सिंह नाग ने इस घटना को सामान्य मौत नहीं, बल्कि गंभीर लापरवाही और संभवतः हत्या का मामला बताया। सर्व आदिवासी समाज के कन्हैया उसेंडी, गौतम कुंजाम और तुषार ठाकुर ने कहा कि अगर 7 दिनों के अंदर इस घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति बनाए। ऐसा न होने पर वे जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे।







