मऊगंज GST छापेमारी विवादित अधिकारी पर उठे सवाल

मध्य प्रदेश के मऊगंज में तीन दिन तक चली GST की छापेमारी अब विवादों में घिर गई है। सराफा कारोबारी मोहित टंच की फर्मों ‘बीएम ओरनामेंट्स’ और ‘एस.एम. ज्वेलर्स’ पर कार्रवाई हुई, लेकिन मामले को निपटाने के तरीके ने कर विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में पता चला कि फर्मों ने लेन-देन में 99% तक इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का इस्तेमाल किया और दो वित्तीय वर्षों में केवल 3.25 लाख रुपए कैश जमा किए, जबकि कच्चे बिल, गलत वाउचर और स्टॉक-बिक्री में भारी अंतर देखने को मिला, जो GST चोरी की ओर इशारा करता है। बावजूद इसके, कार्रवाई केवल 52.91 लाख में निपटाई गई। जांच के दौरान अधिकारियों का रवैया भी सवालों के घेरे में आया। जांच के तीसरे दिन रात में अधिकारी मीडिया से सवालों से बचते हुए उल्टे पैर भाग खड़े हुए और फिर देर रात 1 बजे मजबूरी में कुछ आधे-अधूरे जवाब दिए। इस पूरे मामले ने न केवल तीन दिन की जांच की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी संदेह पैदा किया है कि कार्रवाई का उद्देश्य दबाव बनाकर ‘सेटलमेंट’ कराना था। इस घटना ने मऊगंज में कर विभाग की विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।







