बच्चों के अधिकारों पर किसी भी गलती को माफ नहीं किया जाएगा – डॉ. वर्णिका

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने आज आयोजित महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता में स्पष्ट कहा कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने प्रदेशभर से प्राप्त निरीक्षण रिपोर्टों और बाल-संबंधी शिकायतों की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को त्वरित और कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
प्रेस वार्ता में हाल ही में बाल संरक्षण गृहों एवं पर्यवेक्षण गृहों में किए गए औचक निरीक्षणों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। निरीक्षणों में स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, सुरक्षा व्यवस्था और देखभाल से जुड़ी कई कमियां पाई गईं। कुछ संस्थानों में अव्यवस्था, बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार, सुरक्षा गार्डों की कमी और परिसर में नशीले पदार्थों की उपलब्धता जैसी गंभीर अनियमितताएँ उजागर हुईं। आयोग ने तुरंत सुधारात्मक कदम उठाने और जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरबा प्रवास के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चों से मुलाकात कर उनकी स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और इस दिशा में ठोस कदम निरंतर बढ़ाए जा रहे हैं।
विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों की स्थितियों पर भी आयोग ने चिंता व्यक्त की। कई स्कूलों में साफ-सफाई की कमी, खेल मैदानों की जर्जर हालत और परिसर के आसपास नशीले पदार्थों की बिक्री की शिकायतें सामने आईं। आयोग ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से स्कूलों में सुरक्षित, स्वच्छ और सकारात्मक वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं।
स्वास्थ्य और पोषण से जुड़ी समीक्षा में कई बाल संस्थानों में चिकित्सा सुविधाओं, दवाओं और मेडिकल स्टाफ की कमी पाई गई। इस पर आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को सभी कमियों को पांच दिनों के भीतर दूर करने का निर्देश दिया है।
बैठक में बाल उत्पीड़न, शोषण और प्रताड़ना से जुड़े मामलों पर विशेष जोर दिया गया। आयोग ने सभी जिलों को ऐसे मामलों में तुरंत संज्ञान लेकर बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने और दोषियों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।
राज्यभर में बाल अधिकारों, सुरक्षा और देखभाल को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है। स्कूलों,आंगनबाड़ी केंद्रों और बाल गृहों के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि आयोग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध है। बाल संरक्षण में किसी भी प्रकार की चूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आयोग नियमित निरीक्षण करता रहेगा और आवश्यक कार्रवाई तुरंत सुनिश्चित की जाएगी।







