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पूर्व विधायक मनीष के बयान को नक्सलियों ने गलत बताया, देवजी व संग्राम की गिरफ्तारी नहीं हुई

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जगदलपुर। नक्सलियों ने दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प के नाम से पर्चा जारी किया है। इस पर्चे में लिखा है कि हिड़मा को लकड़ी व्यापारी, ठेकेदार और नक्सलियों के एक साथी कोसाल ने आत्मसमर्पण करने के बाद पुलिस के हाथों मरवा दिया है। इस पत्र में बताया गया है कि देवजी और संग्राम की गिरफ्तारी नहीं हुई है, ये झूठी अफवाह है। वे जंगल में किसी सुरक्षित जगह छिपे हैं। देवजी ने हिड़मा को मरवाया है, और उसकी गिरफ्तारी हो गई है। इस तरह पूर्व विधायक मनीष कुंजाम के बयान को नक्सलियों ने गलत बताया है। विकल्प के नाम से जारी पत्र में लिखा है कि विजयवाड़ा के लकड़ी व्यापारी, फर्नीचर व्यापारी, बिल्डर ठेकेदार और अल्लूरी सीतारामा राजू जिले के आईटीडीए का काम करने वाले ठेकेदार ने विश्वासघात किया है।

पूर्व विधायक मनीष के बयान को नक्सलियों ने गलत बताया, देवजी व संग्राम की गिरफ्तारी नहीं हुई

विकल्प के नाम से जारी पर्चे में लिखा है कि, 27 अक्टूबर को हिड़मा एक लकड़ी व्यापारी के साथ इलाज के लिए विजयवाड़ा गया हुआ था। वहीं कुछ अन्य साथी भी वहां गए थे। 9 नवंबर को नक्सली साथी कोसाल संगठन से भाग गया था। उसने सीधा तेलंगाना पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। हिड़मा के जंगल से बाहर निकलने और इलाज के लिए विजयवाड़ा जाने की जानकारी इसे थी। कोसाल के आत्मसमर्पण करने के बाद तुरंत किसी माध्यम से हिड़मा को इसकी जानकारी दी गई थी। हिड़मा को 14 नवंबर को जानकारी मिली थी, और उसे जंगल आने को कहा गया था। जानकारी मिलते ही हिड़मा सुरक्षित जगह पर जाने की कोशिश कर रहा था। शंकर भी अपने साथियों के साथ बाहर था। हिड़मा और शंकर समेत 13 साथी जब जंगल आ रहे थे, तब आंध्रप्रदेश पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। इन्हें 18 और 19 नवंबर को आंध्रप्रदेश में ही मारकर मुठभेड़ की झूठी कहानी रची गई। इनके साथ ही आंध्रप्रदेश पुलिस अन्य करीब 50 साथियों को पकड़ी थी। इन्हें विजयवाड़ा, एनटीआर, एलुर, काकीनाड़ा जिलों में लेकर गई और वहां पर उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई।
विकल्प के नाम से जारी पर्चे में लिखा है कि थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी और संग्राम गिरफ्तार नहीं हुए हैं। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए पुलिस से कोई समझौता नहीं किया है। हिड़मा, शंकर सहित अन्य बाकी साथियों की जानकारी देवजी ने पुलिस को नहीं दी है, यह झूठी अफवाह है।
नक्सलियों के पर्चे में लिखा है कि, पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने 21 नवंबर को एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि देवजी ने प्लानिंग के तहत हिड़मा समेत 50 लोगों को आत्मसमर्पण करवाने के लिए आंध्रप्रदेश लेकर गया था। हिड़मा को मरवा दिया और अन्य लोगों को गिरफ्तार करवाया है। नक्सलियों के पर्चे में लिखा है कि, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश सरकार लगातार ऑपरेशन चला रही है। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम केंद्र और राज्य सरकारों को टारगेट नही कर देवजी को टारगेट कर रहे हैं। यह एक षड्यंत्र का हिस्सा है। नक्सलियों ने पूर्व विधायक मनीष कुंजाम को कॉरपोरेट घरानों का दलाल बताया है। नक्सलियों के पर्चे में लिखा है कि सोनी सोढ़ी हिड़मा की अंतिम यात्रा में शामिल होकर मुठभेड़ को फर्जी बताई थी, साथ ही उसने देवजी को गिरफ्तार होना बताया गया था।

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