ग्वालियर रेप केस पुलिस अधिकारियों पर हाईकोर्ट का सख्त आदेश

हाईकोर्ट ने ग्वालियर में रेप पीड़िता की शिकायत को गंभीरता से न लेने और उसके साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक ग्वालियर को आदेश दिया है कि टीआई और डीएसपी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएं और मामले की जांच थाना गिरवाई से हटाकर अन्य किसी अधिकारी से कराई जाए। इसके साथ ही पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
घटना 26 अप्रैल 2025 की है, जब पीड़िता थाना गिरवाई में FIR दर्ज कराने गई थी। वहां मौजूद टीआई और डीएसपी ने उसका अपमान किया, मजाक उड़ाया और FIR दर्ज करने से इनकार किया। पीड़िता और उसके परिवार को रात भर थाने में रुकना पड़ा। इसके बाद, पुलिस अधीक्षक और आईजी के हस्तक्षेप से FIR दर्ज की गई। हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारियों का यह कृत्य अक्षम्य अपराध है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करता है। अदालत ने स्पष्ट किया कि पुलिस अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करना अनिवार्य है, खासकर यौन अपराधों में, और किसी भी लापरवाही की स्थिति में कार्रवाई आवश्यक है।






