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शहीद वाटिका परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ बलीदानी तीनों जवानों को दी गई अंतिम विदाई

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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 3 दिसंबर को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में जिला बीजापुर डीआरजी के तीन बहादुर जवान बलीदान हुए। बलीदानी जवानों में प्रधान आरक्षक मोनू उर्फ मोहन बडड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी शामिल हैं। तीनों जवानों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अंतिम सांस तक नक्सलियों से हुए इस मुठभेड़ में दर्जनों से उपर नक्सलियों को ढेर कर दिया। बलीदानी बीजापुर डीआरजी के तीनों जवानों को गुरूवार को बीजापुर-गंगालूर मार्ग स्थित पुलिस लाइन के शहीद वाटिका परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम सम्मान अर्पित करते हुए कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों एवं बड़ी संख्या में पंहुचे नागरिकों ने नम आंखों से जवानों को विदाई दी।
इस श्रद्धांजलि समारोह में बस्तर रेंज के आईजी सुन्दरराज पी., बीजापुर कलेक्टर, एसपी जितेन्द्र यादव, सीआरपीएफ डीआईजी बीएस. नेगी, डीआईजी कमलोचन कश्यप सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे। बलीदानी जवानों के परिवारजन भी कार्यक्रम में मौजूद रहे, जहां सभी ने एक स्वर में उनकी वीरता, समर्पण और बलिदान को नमन किया।
मिली जानकारी के अनुसार इस अभियान में नक्सलियों के गंगालूर एरिया कमेटी के 8 लाख के ईनामी कुख्यात कमांडर वेल्ला मोडियम उर्फ मंगू मोडियम को मार गिराया गया है। वेल्ला कई बड़ी घटनाओं का मास्टरमाइंड था, जिनमें पेद्दाकोरमा में एक नाबालिग, एक छात्र और एक ग्रामीण की हत्या शामिल रहा है। संगठन में वह इंटेलिजेंस विंग का कमांडर होने के साथ-साथ सीवायपीसीएम एवं आईसी कंपनी नंबर 2 का भी नेतृत्व कर रहा था। गंगालूर के जंगलों में जारी इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने बड़े क्षेत्र को घेर लिया है, सघन सर्चिंग अभीयान जारी है। अब तक 15 नक्सली कैडर के शव बरामद करने की आधिकारिक पुष्टि हुई है, इसमें और भी संख्या बढऩे की संभावना है। मौके से एसएलआर, इंसास और 303 राइफलें एवं गोला बारूद बरामद की गई हैं। एसपी जितेंद्र यादव के मुताबिक इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है और अतिरिक्त बल को मौके पर भेजा गया है। मुठभेड़ में दो डीआरजी जवान घायल हुए हैं, जिनकी स्थिति अब खतरे से बाहर है।

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