मऊगंज कलेक्ट्रेट में रिश्वत और प्रशासनिक लापरवाही का मामला

मध्य प्रदेश के मऊगंज कलेक्ट्रेट में एक बार फिर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अव्यवस्थाओं का मामला सामने आया है। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पंकज श्रीवास्तव पर कलेक्टर के नाम पर 1,12,000 रुपए की कथित रिश्वत लेने और विभागीय आदेशों को दबाने का आरोप लगा है। शिकायतकर्ता महिला वार्डन शकुंतला नीरत का दावा है कि पंकज ने ‘काम कराने’ के नाम पर दो किस्तों में यह रकम ली और काम न होने पर उनके पति को धमकियां दी गईं। वार्डन ने इस मामले की शिकायत मऊगंज थाना में दर्ज कराई है।
घटना सामने आते ही कलेक्टर संजय जैन ने अपनी जीरो टॉलरेंस नीति के तहत तुरंत जांच के आदेश दे दिए और अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी नियुक्त किया। कलेक्टर ने साफ कहा कि दोषी चाहे कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, वार्डन ने प्रशासनिक लापरवाही की भी बात उठाई है। उनका आरोप है कि छात्रावास प्रभार छोड़ने का आदेश 28 अगस्त को जारी हुआ, लेकिन उन्हें समय पर नहीं मिला और न ही डाकपाल के माध्यम से तामीली की गई। आदेश 6 सितंबर को व्हाट्सऐप पर भेजा गया, जो प्रक्रिया का उल्लंघन है। इस मामले ने न केवल भ्रष्टाचार बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।







