बिना मुंडेर के कुएं में डूबने से दो चचेरी बहनों की मौत

जांजगीर चांपा। बिना मुंडेर के कुएं में डूबने से दो चचेरी बहन की मौत हो गई। खेलने के दौरान दोनों कुएं के पास फिसलने से गहराई चली गई। इससे दोनों की मौत हो गई। परिजनों को पता चलने पर तत्काल कुएं से निकाला गया। फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। दो चचेरी बहन की मौत से गांव में मातम पसरा हुआ है। कोतवाली पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुटी हुई है। रात होने की वजह से बुधवार को पीएम किया गया। घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र कनाई गांव की है।
कोतवाली थाना क्षेत्र के कनई गांव में मंगलवार को ह्रदय विदारक घटना से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। शाम करीब 5 बजे घर के बाड़ी पर बिना मुंडेर के कुएं है। कुएं के पानी का उपयोग सब्जी सहित अन्य के लिए किया जाता है। शाम करीब 5 बजे अस्मिता पिता छत्रप्रकाश दरवेश व प्रिंशी पिता चंद्रप्रकाश घर के आंगन में खेल रहे थे। दोनों बच्ची खेलते-खलते कुएं के पास पहुंच गईं। अचानक पैर फिसलने से कुएं में दोनों जा गिरी। एक दूसरे को बचाने के प्रयास में दोनों की डूबने से मौत हो गई। बहुत देर तक अस्मिता व प्रिंशी दिखाई नहीं देने पर परिजन आसपास खोजबीन करने लगे। कोई घर के बाहर तो कोई बाड़ी की ओर तलाश कर रहे थे। इसी दौरान कुएं में दोनों बच्ची दिखाई दी, परिजन तत्काल कुएं दोनों को बाहर निकाल गया। फिर तत्काल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने अपने ओर से इलाज शुरू किया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। दोनों चचेरी बहन को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना की जानकारी अस्पताल स्थित चौकी में दी गई। फिर कोतवाली प्रभारी पहुंचे। मर्ग कायम कर शव को पीएम के भेजा गया। रात हो जाने से पोस्टमार्टम नहीं हो पाया और बुधवार की पोस्टमार्टम किया गया।
दरअसल, जिस कुएं में गिरने से दो बच्चों की मौत हुई है। कुंआ बिना मुंडेर का है, जो जमीन की सतह से बराबर है। यदि कुआं का ऊपरी हिस्सा जमीन से ऊंचा बनाया गया होता तो ऐसा हादसे सामने नहीं आते। अधिकांश देखने को मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी भाजी में पानी डालने के लिए कुआं बना होता है, वहां अधिकांश बिना मुंडेर के ही होता। इसलिए चाहिए की कुआं के चोरों ओर मुंडेर अवश्य बनाए, ताकी ऐसे हादसे के बचा जा सका।







