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कच्चे घर से मिली मुक्ति, प्रधानमंत्री आवास योजना से बोदे बाई को मिला पक्का मकान

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जगदलपुर। जिले के लोहांडीगुड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत छिंदगांव की 49 वर्षीय बोदे बाई का जीवन वर्षों तक एक जीर्ण-शीर्ण, कच्चे कमरे में कठिनाइयों से भरा रहा। बरसात हो या कड़ाके की सर्दी, हर मौसम उनके परिवार के लिए नई मुसीबत लेकर आता था। सीलन, चूहों का आतंक, टूटी दीवारें और असुरक्षित माहौल इन सबने मिलकर अक्सर उनके बच्चों के स्वास्थ्य को बिगाड़ दिया। आर्थिक तंगी के कारण न तो वे घर की मरम्मत कर पाती थीं और न ही बीमारी के दिनों में दवाइयों का इंतजाम करना उनके लिए आसान था। जीवन की इन कठिन परिस्थितियों के बीच, उन्हें उम्मीद तब मिली जब ग्राम पंचायत के माध्यम से उन तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की जानकारी पहुंची।
सूचना मिलते ही बोदे बाई ने बिना देर किए उत्साह के साथ आवेदन किया और जल्द ही उनका नाम दो कमरों वाले मकान की लाभार्थी सूची में शामिल हो गया। योजना की स्वीकृति मिलने के बाद उनके जीवन में बदलाव का सिलसिला शुरू हुआ। सरकार द्वारा निर्धारित एक लाख बीस हजार रुपए की सहायता राशि उन्हें चरणबद्ध रूप से मिली, जिसने उनके सपने को साकार करने की नींव रखी। निर्माण कार्य में गति बनाए रखने के लिए उन्हें मनरेगा के तहत 90 दिनों की मजदूरी भी प्राप्त हुई, जिससे उनका आर्थिक बोझ काफी कम हो गया। इसके अलावा, घर निर्माण की कुछ अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्होंने ग्राम संगठन से 12 हजार रुपए का सीआईएफ लोन लिया, जिसके सहारे निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सका। इस पूरे निर्माण के दौरान, आवास मित्र और पंचायत सचिव ने उन्हें तकनीकी सहयोग प्रदान किया।
आज बोदे बाई अपने परिवार के साथ एक मजबूत, सुरक्षित और स्वच्छ पक्के मकान में रह रही हैं। यह नया घर केवल एक छत नहीं है, बल्कि इसमें शौचालय, बिजली और पेयजल जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध हैं। वर्षों तक कठिनाइयों का सामना करने के बाद, अब उनके चेहरे पर सुकून और संतोष की चमक साफ दिखाई देती है। कच्चे घर की असुरक्षा से निकलकर पक्के मकान की सुरक्षा तक का यह सफर उनके लिए महज एक भौतिक बदलाव नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और भरोसे की एक नई शुरुआत है।
बोदे बाई कहती हैं कि यह घर उनके जीवन में स्थिरता लेकर आया है और उन्हें भविष्य के प्रति नया विश्वास मिला है। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने न केवल उन्हें एक मकान दिया, बल्कि सम्मानित और सुरक्षित जीवन जीने का अवसर भी प्रदान किया है।

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