Chhattisgarh
हाईकोर्ट का तलाक पर अहम फैसला

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक तलाक मामले में अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने कहा कि सबूतों के अभाव में क्रूरता साबित नहीं होती और यदि कोई घटना हुई भी थी, तो पति ने उसे बाद में माफ कर दिया था। हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 23(1)(b) के अनुसार, क्रूरता माफ कर दी जाए तो यह तलाक का आधार नहीं बनती। मामला जांजगीर का है, जहां पति ने 4 अप्रैल 2023 को फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी, लेकिन पहले फैमिली कोर्ट ने 20 अगस्त 2024 को याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने भी पति की अपील को खारिज करते हुए यही फैसला दोहराया।







