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वनांचल की दिव्यांग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को उपमुख्यमंत्री ने दिलाई स्कूटी

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रायपुर। जन्म से ही पैरों से लाचार वनांचल गांव धामिनडीह की आदिवासी युवती सुश्री सुनीता धुर्वे जो कि नित्य ही की अनेकानेक कठिनाइयों के बाद भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर गांव की सेवा करते हुए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं, उन्हें स्कूटी प्रदान कर उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा के स्थानीय विधायक श्री विजय शर्मा ने बड़ा हौसला दिया है। सुनीता ने गत 16 नवम्बर को रेंगाखार पहुंचे श्री शर्मा को अपनी शारीरिक स्थिति और दैनिक जीवन की कठिनाइयों से अवगत कराते हुए स्कूटी दिलाने के लिए एक आवेदन सौंपा था। ठीक 10 दिन बाद ही उन्हें नई स्कूटी मिल गई।
बुधवार को कवर्धा विधायक कार्यालय में उपमुख्यमंत्री व स्थानीय विधायक श्री विजय शर्मा ने जब स्कूटी प्रदान की तो सुनीता धुर्वे की खुशी का ठिकाना नहीं था। सुनीता ने कहा कि वे जन्म से ही दिव्यांग हैं और अपने पैरों से चलने में असक्षम हैं। विगत 9 वर्षों से विकासखंड बोड़ला के ग्राम धामिनडीह में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें अपने कार्य करते वक्त आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था। जहां किसी योजना की रिपोर्टिंग हो या कोई मीटिंग उन्हें गांव से 40 किमी की दूरी पर स्थित चिल्फी परियोजना कार्यालय तक दूसरों की सहायता से जाना पड़ता था। एक महिला होने के नाते सहायता के लिए दूसरों पर निर्भर रहना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया था, जिससे समय पर कार्य संपादन भी प्रभावित होता था। पहले ट्रायसायकल मिली थी, लेकिन उसके पैडल ओटते हाथ में दर्द में दर्द भर जाता था।
भावुक होते हुए सुनीता ने कहा कि, 16 नबम्बर को विजय भैया जब रेंगाखार जंगल में आए थे, तब मैंने उन्हें अपनी व्यथा बताई। विजय भैया ने मेरी बातों को गंभीरता से सुना। मैं कुछ मांगती उसके पहले ही उन्होंने अधिकारी से चर्चा कर मुझे सहायक उपकरणों सहित स्कूटी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आज उन्होंने मुझे स्कूटी प्रदान कर दी। मैं उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की बहुत आभारी हूँ जो उन्होंने संवेदनशीलता दिखाते हुए मुझे तुरंत सहयोग किया, जिससे अब मैं कहीं भी बिना किसी समस्या के आ जा सकती हूं और अपना काम भी और बेहतर तरीके से कर सकती हूं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की संवेदनशील पहल से बीते दो वर्षों में कवर्धा विधानसभा क्षेत्र के 100 से अधिक दिव्यांगजनों को पेट्रोल चलित स्कूटी का वितरण किया जा चुका है। स्कूटी पाने वाले दिव्यांगजन अब दैनिक कार्यों, शिक्षा, रोजगार एवं सामाजिक गतिविधियों में अधिक सहजता और आत्मविश्वास के साथ सहभागिता कर पा रहे हैं।

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