घर-घर गणना चरण का कार्य 4 दिसंबर तक होगा, ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशम 9 दिसंबर को

रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का कार्य पूरे प्रदेश में सुचारू रूप से जारी है। इस क्रम में बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं द्वारा भरे गए गणना फॉर्मों को एकत्र कर रहे हैं। बीएलओ आवश्यक दस्तावेजों के साथ गणना फॉर्म की एक प्रति अपने पास रखेंगे और आवेदक को दिए जाने के लिए गणना फॉर्म की दूसरी प्रति पर फॉर्म की प्राप्ति की पावती देंगे।
यदि कोई मतदाता भरे हुए फॉर्म को दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन अपलोड करता है, तो बीएलओ (बीएलओ) मतदाता के घर जाकर दस्तावेजों का सत्यापन करेगा। तत्पश्चात, बीएलओ इन फॉर्मों और संलग्न दस्तावेजों को बीएलओ/ईसीआईनेट मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से अपलोड करेगा। इसके बाद, बीएलओ रिकॉर्ड के उद्देश्य से संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ)/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) को एकत्र किए गए सभी गणना फॉर्मो को उनके दस्तावेजों के साथ जमा करेगा। एआरओ।एईआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पात्र नागरिक छूटा नहीं है और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल नहीं है।
प्रारूप मतदाता सूची में उन सभी मौजूदा मतदाताओं के नाम शामिल होंगे जिन्होंने बीएलओ को विधिवत भरा हुआ गणना फॉर्म जमा कर दिया है या जो घर-घर गणना अवधि के दौरान ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं और बीएलओ द्वारा सत्यापित किए गए हैं। अन्य मतदाताओं के नाम, जिनके गणना फॉर्म प्राप्त नहीं हुए हैं, प्रारूप सूची में शामिल नहीं किए जाएंगे।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) उन सभी मतदाताओं को शामिल करते हुए प्रारूप मतदाता सूची तैयार करेंगे जिनके गणना फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं। प्रारूप प्रकाशन (9) दिसंबर 2025) के बाद प्राप्त दावों और आपत्तियों के दौरान दाखिल किए गए गणना फॉर्मों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) द्वारा निराकरण/निर्णय लिया जाएगा।
दावा आपत्ति करने की अवधि-
1. यदि किसी मतदाता के सम्बन्ध में गणना प्रपत्र में दिए गए पिछले एसआईआर निर्वाचक नामावली के विवरण उपलब्ध नहीं हैं या डेटाबेस से मेल नहीं खाते हैं, तो ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) ऐसे मतदाताओं को नोटिस जारी करेगा। अपने विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ/एईआरओ से नोटिस प्राप्त होने पर मतदाता को निम्नलिखित श्रेणियों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे –
यदि जन्म 01.07.1987 से पहले भारत में हुआ है
स्वयं के लिए आयोग द्वारा निर्दिष्ट सूची में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो।
यदि जन्म 01.07.1987 से 02.12.2004 के बीच भारत में हुआ है
स्वयं के लिए आयोग द्वारा निर्दिष्ट सूची में से से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो। पिता या माता के लिए भी नीचे दी गई सूची से कोई दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो उनकी जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो।
यदि जन्म 02.12.2004 के बाद भारत में हुआ है
स्वयं के लिए नीचे दी गई सूची से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो। पिता के लिए नीचे दी गई सूची से कोई दस्तावेज प्रस्तुत करें। जो उनकी जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो। माता के लिए नीचे दी गई सूची से कोई दस्तावेज प्रस्तुत करें। जो उनकी जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो। यदि किसी पिता/माता में से कोई भारतीय नागरिक नहीं है, तो आपके जन्म के समय उसका वैध पासपोर्ट और वीज़ा की प्रति संलग्न करें।
2. यदि कोई मतदाता निर्दिष्ट समय के भीतर अपने भरे हुए गणना फॉर्म को जमा करने में असमर्थ रहता है, तो वे नाम जोडऩे के लिए दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान निर्धारित घोषणा फॉर्म के साथ अपने विधानसभा क्षेत्र के ईआरओ/एईआरओ के पास फॉर्म 6 जमा कर सकते हैं।
यदि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र का कोई मतदाता फॉर्म 6 में नया नाम जोडऩे के लिए प्रस्तुत किसी आवेदन पर आपत्ति दर्ज कराना चाहता है या पूर्व से पंजीकृत किसी मतदाता के नाम को विलोपित कराना चाहता हो तो फॉर्म 7 में आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है
कोई भी मतदाता सूची में दर्ज अपनी प्रविष्टियां में संशोधन या एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण की स्थिति में फॉर्म 8 में घोषणा पत्र के साथ आवेदन कर सकता है
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) फॉर्म -5 में ड्राफ्ट प्रकाशन करते समय 01 अक्टूबर 2026 की आगामी अर्हता तिथि के लिए भी अग्रिम आवेदन भी आमंत्रित करेंगे। ड्राफ्ट का प्रकाशन 09 दिसंबर को किया जाएगा।
प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) /सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) अनुच्छेद 326 और आरपीए 1950 की धारा 16 और 19 के तहत मतदाताओं की अर्हता के अनुसार उनकी पात्रता की जाँच करेंगे। ऐसा करने के लिए, ईआरओ/एईआरओ प्रस्तुत दस्तावेजों और क्षेत्र रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेंगे।
किसी भी मामले में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ)/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एईआरओ) प्रस्तावित मतदाता की पात्रता पर संदेह करते हैं (दस्तावेजों की कमी या अन्य कारणों से), तो वे स्वत: संज्ञान में लेकर जांच शुरू करेंगे और प्रस्तावित मतदाता को नोटिस जारी करेंगे कि उसका नाम क्यों नहीं जोड़ा जाना चाहिए या क्यों नहीं विलोपित किया जाना चाहिए। मौके पर जांच, दस्तावेजों के परीक्षण या अन्य उपलब्ध तथ्यों के आधार पर ईआरओ/एईआरओ अंतिम मतदाता सूची में नाम जोडऩे या न जोडऩे का निर्णय लेंगे।
ईआरओ फॉर्म 9, 10, 11, 11ए और 11बी में दावों और आपत्तियों की सूची तैयार करेंगे और प्रत्येक कार्य दिवस पर अपने कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर ऐसी सूचियों की एक प्रति प्रदर्शित करेंगे। तथा यह सूची राजनीतिक दलों के साथ साझा करेंगे
ईआरओ साप्ताहिक आधार पर राजनीतिक दलों के साथ दाबों और आपत्तियों की सूची साझा करेंगे।
प्राप्त सभी दावों और आपत्तियों की सूची भी सीईओ (मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी) की वेबसाइट पर डाल दी जाएगी ताकि नागरिक सूची देख सकें और संबंधित ईआरओ के पास आपत्ति दर्ज करा सकें।
सीईओ कार्यालय साप्ताहिक आधार पर पुनरीक्षण के दौरान ईसीआईनेट में दावों और आपत्तियों के निपटान की स्थिति पर एक रिपोर्ट प्राप्त करेंगे और इसे आम जनता/नागरिकों की जानकारी के लिए अपनी वेबसाइट पर डालेंगे।
सीईओ कार्यालय अपनी वेबसाइट पर फॉर्म 6, 6ए, 7, 8 में प्राप्त सभी आवेदन फॉमों के कंप्यूटरीकरण और दिन-प्रतिदिन के आधार पर उनकी पोस्टिंग सुनिश्चित करेंगे।
सीईओ कार्यालय मसौदा निर्वाचक नामावली, अंतिम निर्वाचक नामावली, दावों और आपत्तियों की सूची को सीईओ की वेबसाइट पर डालेंगे और उसे मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ साझा करेंगे।
सीईओ कार्यालय दावों और आपत्तियों की सूची वेबसाइट पर उपलब्ध होने के तथ्य का व्यापक प्रचार करेंगे और यदि कोई व्यक्ति किसी भी दावे के संबंध में आपत्ति दर्ज कराना चाहता है, तो वह ईआरओ के समक्ष पहले आपत्ति दर्ज करा सकता है।
यदि किसी व्यक्ति को ईआरओ के निर्णय पर आपत्ति होगी, तो वह आरपी अधिनियम 1950 की धारा 24(ए) के अंतर्गत जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकेगा। जिला मजिस्ट्रेट के निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में, पंजीकरण नियम 1960 के नियम 27 के अंतर्गत मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष दूसरी अपील दायर की जा सकेगी। विशेष गहन पुनरीक्षण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता, विधिक प्रावधानों के अनुपालन तथा सुव्यवस्थित तरीके से राज्यभर में जारी की जाएगी। इसके बाद दावा-आपत्तियों के निराकरण के पश्चात निर्मित सूची के अंतिम प्रकाशन के लिए भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति प्राप्त की जाएगी। तत्पश्चात दिनांक 07 फरवरी 2026 को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।







