दुर्ग में तकनीकी क्रांति की शुरुआत- आईआईटी भिलाई और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच एमओयू

रायपुर। दुर्ग जिला अब आईटी और टेक्नोलॉजी सेक्टर में aएक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। जिले के पहले आईटी पार्क की स्थापना हेतु आज आईआईटी भिलाई और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (डवन्) पर हस्ताक्षर किए गए। यह आईटी पार्क सिविल लाइंस क्षेत्र में 3 हजार 900 वर्ग मीटर भूमि पर विकसित किया गया है, जिसमें 2,907.26 वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र शामिल है। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव, महापौर श्रीमती अलका बाघमार, नगर निगम, आईआईटी भिलाई और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश और देश की लगभग 35 कंपनियों ने स्टार्टअप गतिविधियाँ में दिखाई रुचि
एमओयू पर आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश और नगर निगम आयुक्त श्री सुमीत अग्रवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए। इस आईटी पार्क के माध्यम से जिले में आईटी सेक्टर का तेजी से विस्तार होगा, साथ ही युवाओं को अपने ही शहर में रोजगार, प्रशिक्षण और उद्योग से सीधे जुड़ने के अवसर मिलेंगे। पार्क में 40 बड़े ऑफिस रूम, पाँच विशाल हॉल, मैस तथा सुरक्षित बाउंड्रीवॉल सहित आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इसमें एक साथ करीब 200 लोग कार्य कर सकेंगे। प्रदेश और देश की लगभग 35 कंपनियों ने यहाँ स्टार्टअप और अन्य तकनीकी गतिविधियाँ शुरू करने में रुचि दिखाई है।

दुर्ग टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभरेगा
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने आईटी पार्क की स्थापना को प्रदेश के युवाओं के भविष्य से जुड़ा ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में राज्य सरकार और आईआईटी भिलाई के बीच हुआ यह समझौता दुर्ग के तकनीकी विकास में नई ऊर्जा भरेगा। मंत्री यादव ने कहा कि आईटी पार्क सिर्फ रोजगार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कौशल विकास, तकनीकी प्रशिक्षण, रिसर्च और उद्यमिता को भी नई दिशा देगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में दुर्ग एक ऐसे टेक्नोलॉजी हब के रूप में उभरेगा जहां स्टार्टअप, उद्योग और नवाचार मिलकर युवाओं के लिए अनगिनत अवसर तैयार करेंगे।
दुर्ग-भिलाई को आईटी एवं सर्विस सेक्टर का एक प्रमुख केंद्र
जिला कलेक्टर अभिजीत सिंह ने इस पहल को भविष्य में बड़े अभियान में बदलने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि प्रतिभा हर क्षेत्र में है, लेकिन अवसरों के अभाव में युवाओं को पलायन करना पड़ता है। आईटी पार्क इसी समस्या को हल करेगा और दुर्ग-भिलाई को आईटी एवं सर्विस सेक्टर का एक प्रमुख केंद्र बनाएगा। उन्होंने बताया कि पार्क की स्थापना से स्थानीय कंपनियों को कुशल मानव संसाधन मिलेगा, जिससे वे बड़े प्रोजेक्ट और नई तकनीकों पर अधिक प्रभावी रूप से काम कर सकेंगी।

आईटी क्षेत्र से जुड़े एक ही स्थान पर उपलब्ध
आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा कि उनकी हमेशा यही मंशा रही है कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को राज्य में ही रोजगार मिले और उन्हें बाहर न जाना पड़े। आईटी पार्क इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य आईटी क्षेत्र से जुड़े सभी अवसरों को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि यहाँ कंपनियों के संचालन हेतु सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध हैं और अच्छी ट्रेनिंग मिलने पर स्थानीय युवा किसी भी बड़े प्रोजेक्ट को संभालने में सक्षम होंगे।
दुर्ग आईटी के नवाचारक्षेत्रों में अग्रणी केंद्र
आईटी पार्क के माध्यम से दुर्ग आईटी क्षेत्र में नवाचार, स्टार्टअप विकास, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डेटा एनालिटिक्स, फिनटेक, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अग्रणी केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा। इससे रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा युवाओं का पलायन कम होगा। भिलाई पहले से ही देश को बड़ी संख्या में तकनीकी मैनपावर दे रहा है, लेकिन उच्च स्तरीय आईटी अवसर सीमित होने के कारण युवाओं को बाहर जाना पड़ता था। आईटी पार्क इस अंतर को दूर करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। कार्यक्रम में सभापति श्याम शर्मा, एमआईसी सदस्य देवनारायण चंद्राकर, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, पार्षद युवराज कुंजाम, श्रीमती लोकेश्वरी ठाकुर, श्रीमती ललिता ठाकुर, आईआईटी के विद्यार्थी, तकनीकी टीम और निगम अधिकारी उपस्थित थे।







