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कोंडागांव में डीएमएफ मद से सप्लाई से जुड़े मामले में एसीबी-ईओडब्लयू की छापेमारी

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कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में 23 नवंबर की सुबह एसीबी-ईओडब्लयू की टीम ने छापेमारी की है। कोंडागांव में टीम ने सरगीपाल रोड स्थित कोणार्क जैन के आवास एवं एक दुकान में छापा मारा है। बताया जा रहा है यहां एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम सप्लायर कोणार्क जैन के यहां दो घंटे से दस्तावेजों और लेन-देन से जुड़े कागजात की बारीकी से जांच कर रही है। ये जांच वर्ष 2019-20 के दौरान डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन (डीएमएफ) मद से होने वाली सप्लाई से जुड़ी कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। हालांकि, एसीबी की ओर से अभी तक इस संबंध में किसी भी स्तर पर आधिकारिक पुष्टि या बयान जारी नहीं किया गया है। मौके पर मौजूद एसीबी टीम घर के अंदर जांच के बाद व्यस्त है और किसी भी अधिकारी ने मीडिया से बातचीत नहीं की है। इस रेड की खबर फैलते ही स्थानीय क्षेत्र में चर्चाएं तेज हो गई हैं। फिलहाल कार्रवाई जारी है और आधिकारिक जानकारी मिलने का इंतजार है।
इसके साथ ही राजधानी रायपुर में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास और सप्लायर हरपाल अरोरा के ठिकानों पर छापेमारी की गई, जहां अधिकारी आवश्यक दस्तावेजों की पड़ताल में जुटे हुए हैं। सरगुजा में एसीबी-ईओडब्लयू की टीम ने पशु चिकित्सक डॉ. तनवीर अहमद और सत्तीपारा निवासी सप्लायर अमित अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की। टीम वित्तीय लेनदेन और विभागीय रिकॉर्ड से जुड़े कागजात की जांच कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में आर्थिक अनियमितता हुई है, जिसमें टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है। टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत सरकारी अधिकारियों को कमीशन के रूप में दिया गया है। इसी मामले पर प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्लयू ने धारा 120 बी 420 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में 2021-22 और 2022-23 में कारोबारी मनोज कुमार द्विवेदी ने निलंबित आईएएस रानू साहू और अन्य अधिकारियों से मिली भगत की।

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