सार्वजनिक सड़कों पर स्टंट—कोर्ट ने दिए कड़े निर्देश

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में सड़कों पर होने वाली स्टंटबाजी और हाईवे पर केक-कटिंग जैसी खतरनाक गतिविधियों को गंभीरता से लेते हुए इसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावे की नहीं होनी चाहिए, बल्कि ऐसी होनी चाहिए जो अपराधियों के लिए सबक बने। मुख्य सचिव की ओर से प्रस्तुत किए गए जवाब में बताया गया कि सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं और स्टंट में शामिल गाड़ियों को जब्त करने के साथ ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब्त गाड़ियों को बांड भरवाकर छोड़ा जा सकता है, लेकिन एक साल के भीतर दोबारा गलती होने पर भारी पेनल्टी के साथ वाहन जब्त किया जाएगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पुलिस अमूमन गरीब और मध्यम वर्ग पर सख्ती दिखाती है, जबकि दबंग और संपन्न लोग मामूली जुर्माना भरकर बच निकलते हैं, इसलिए बिलासपुर के लावर क्षेत्र की 18 जब्त कारों को कोर्ट की अनुमति के बिना न छोड़ने का निर्देश दिया गया था। शासन ने बताया कि हर जिले में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और नियमों का कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। कोर्ट ने सुनवाई के अंत में कहा कि सार्वजनिक सड़कों पर लापरवाही और खतरा पैदा करने वाले युवाओं पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है, ताकि आम नागरिक सुरक्षित महसूस कर सकें।







