हिड़मा के मारे जाने के बाद पूवर्ती में दस शसस्त्र नक्सली सक्रिय, बारसे देवा सुरक्षाबलों के निशाने पर

सुकमा। जिले सहित बस्तर संभाग में नक्सली आतंक का सबसे बड़ा नाम कुख्यात नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के मारे जाने और इसी इलाके के दो महिला नक्सलियों में मड़कम बुज्जी बटालियन हेडक्वाटर सदस्य और दूसरी नुप्पो कोसी पामेंड़ एलओएस प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद बाकी बचे हुए नक्सलियों को लेकर ग्रामीण का मानना हैं कि समय रहते आत्मसमर्पण नहीं करने पर मारे जाएंगे । नाम नहीं छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि पूवर्ती गांव में अभी दस शसस्त्र नक्सली संगठन में सक्रिय है, जिसमें प्रमुख बारसे देवा और हुंगा के अलावा इसी इलाके से केशा, एर्रा, छन्नू जैसे बड़े नक्सली भी सक्रिय हैं। बारसे देवा जो कि मिलिट्री दलम का प्रमुख है और हुंगा बासागुड़ा एलओएस कमांडर है। ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह हिड़मा और देवा बचपन से ही संगठन का काम कर रहे हैं, ठीक उसी तरह हुंगा भी काम कर रहा है।
कुख्यात नक्सली हिड़मा के मारे जाने के बाद अब बारसे देवा सुरक्षाबलों के निशाने पर है। देवा भी पूवर्ती गांव के ओयोपारा का रहने वाला है। नक्सली संगठन में देवा बारसा सुक्का, बारसे, देवन्ना और बड़ादेवा के नाम से भी जाना जाता है। उसका घर मुठभेड़ में मारे गए हिड़मा के घर से महज 4 किमी की दूरी पर है। हिड़मा को सीसी मेंबर बनाने के बाद उसकी जगह देवा को पीएलजीए बटालियन कमांडर बनाया गया था। खबर है कि हिड़मा की मौत के बाद नक्सल संगठन में बस्तर की कमान देवा को दी जा सकती है। देवा वर्तमान में नक्सलियों के मिलिट्री दलम का प्रमुख है। अब ये पुलिस के सामने हथियार डालेंगे या संगठन की गतिविधियां आगे बढ़ाएंगे, यह अब भी बड़ा सवाल है। 25 लाख का ईनामी नक्सली स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर देवा उन खूंखार नक्सलियों में एक है, जो बस्तर में हुई कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। झीरम घाटी कांड से लेकर दर्जनों हमलों में देवा प्रमुख रूप से शामिल रहा। पुलिस और जवानों को लंबे समय से उसकी तलाश है।
विदित हो कि 19 नवंबर को सीमावर्ती प्रदेश आंध्र प्रदेश में पूवर्ति निवासी दो महिला माओवादियों को गिरफ्तार किया गया। इसमें मड़कम बुज्जी बटालियन हेडक्वाटर सदस्य और दूसरी नुप्पो कोसी पामेंड़ एलओएस प्रमुख हैं। दोनों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से जेल भेजा गया।







