जब आप किसी से बात करते हो तो तीन सी को ध्यान में रखो क्लियर कंसाइज़ और कॉन्फिडेंस – रीना

रायपुर। तारवानी एंड एसोसिएट्स द्वारा आयोजित आर्टिकल स्टडी मीट में आज आयोजित सॉफ्ट स्किल्स सत्र में प्रशिक्षक रीना जोतवानी ने सॉफ्ट स्किल्स के महत्व को अत्यंत सहज और प्रेरक ढंग से समझाया। उन्होंने बताया कि जब आप किसी से बात करते हो तो तीन सी को ध्यान में रखो क्लियर कंसाइज़ और कॉन्फिडेंस अर्थात आपको क्या बोलना है वो आपको क्लियर होना चाइए दूसरा कंसाइज़ जिसका मतलब है संक्षिप्त और सटीक मुद्दे की बात हो और आत्मविश्वास से बोले । सॉफ्ट स्किल्स वे गुण हैं जो दिल से आते हैं—जैसे सामने वाले को कैसे अभिवादन करना, बिना शब्दों के अपनी बात को कैसे प्रस्तुत करना और अपनी बॉडी लैंग्वेज से सकारात्मक संदेश देना। सत्र को जीवंत बनाते हुए उन्होंने रामायण और महाभारत के प्रमुख प्रसंगों के माध्यम से उदाहरण दिए।
उन्होंने बताया कि कैसे श्री कृष्ण ने अपने संयम, धैर्य और प्रभावी संचार कौशल से अर्जुन की सभी शंकाओं को दूर किया, जिससे हमें संचार, सुनना और सीखना स्किल्स का सुंदर संदेश मिलता है। साथ ही उन्होंने श्री राम और हनुमान जी के प्रसंग द्वारा समझाया कि हनुमान जी विनम्रता, अनुशासन, सम्मान और आत्मविश्वास जैसी सॉफ्ट स्किल्स के आदर्श उदाहरण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सॉफ्ट स्किल्स केवल व्यवहार नहीं, बल्कि व्यक्ति का संपूर्ण व्यक्तित्व, दृष्टिकोण और परिस्थिति अनुसार आचरण हैं। सकारात्मक सोच, टीमवर्क, समस्या समाधान, धैर्य और संवेदनशील संवाद जैसे गुण व्यक्ति को पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों जीवन में सफल बनाते हैं। यह सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी रहा।
सत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट और आर्टिकल्स ने भाग लिया, जिनमें सीए चेतन तारवानी, सीए सिद्धांत माखीजा , सीए सुरक्षा तारवानी, अर्पना नायक, रुपाली सोनी, मुस्कान शर्मा, नाजि़या , उपासना देवनानी, तुषार सिंह राजपूत, कशिश ऐलसिंघानी, कोमल राठी, साधना साहू, मनीष असलानी, देवेश गिधवानी, मुस्कान नारा, आर्ची नानवानी, यक्षा चावला, प्रशांत माथानी, उत्कर्ष चंदक और प्रियांशु सिंह उपस्थित थे।
कार्यक्रम की संयोजक साधना साहू ने सभी उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया और सम्मानित वक्ताओं के योगदान की सराहना इस सत्र से प्रेरित होकर सभी ने स्वयं से यह वादा किया कि वे तीन प्रमुख सॉफ्ट स्किल्स को अपने जीवन और कार्य में अपनाएंगे, अपनी जड़ों से जुड़े रहेंगे और हर कौशल को अपने दैनिक आचरण में उतारकर खुद को और अधिक प्रभावी, विनम्र और सक्षम बनाएंगे। यह सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी, ज्ञानवर्धक और आत्म-विकास की दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ।







