हिड़मा की मौत की खबर सुनकर भर आई बूढ़ी मां की आंखे, पूछा शव कैसे आएगा?

सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हिड़मा के गृह ग्राम पूवर्ती में जैसे ही यह खबर साेसल मीडिया के माध्यम मारे गए हिड़मा की तस्वीरें गांव तक पहुंचीं, ताे सन्नाटा छा गया। जब हिड़मा की बूढ़ी मां, माड़वी पूंजी को तस्वीर दिखाई गई, तो वह पहले उसे पहचान नहीं पाईं। लेकिन जब उन्होंने तस्वीर को गौर से देखा, तो ममता का बांध टूट गया। उनकी आंखें भर आईं, लेकिन खुद को संभालते हुए उन्होंने एक ही सवाल पूछा, शव कैसे आएगा? शायद उन्हें इस बात का एहसास हो गया था, कि उनके बेटे का खौफ भरा अध्याय अब खत्म हो चुका है, और वह कभी लौटकर नहीं आएगा।
पूवर्ती में हिड़मा का खौफ इलाके में इतना गहरा था, कि गांव के युवा, और यहां तक कि उसकी मां पूंजी ने भी पहले उसे पहचानने से साफ इंकार कर दिया। मानो हर कोई इस खौफनाक नाम से अपना संबंध तोड़ लेना चाहता हो । बाद में, फुस-फुसाहटों के बीच ग्रामीणों ने दबी हुई आवाज़ में पुष्टि की यह वही हिड़मा है। उन्हें इस बात पर भी हैरानी थी कि हिड़मा इतनी आसान मौत कैसे मारा जा सकता है। हिड़मा के गृह ग्राम पूवर्ती के ग्रामीणों का यह भी मानना था कि हिड़मा को समय रहते आत्मसमर्पण कर देना चाहिए था, क्योंकि अब सरकार का दबाव लगातार बढ़ रहा था।
बता दें कि एक सप्ताह पहले ही, छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पूवर्ती आकर ग्रामीणों से शांति और आत्मसमर्पण की अपील की थी। मां ने भी बेटे को घर लौट आने को कहा, पर माओवादी हिंसा में अंधे हो चुके बेटे ने मां की बात नहीं मानी और बेटा नहीं उसका शव गांव आएगा।







