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60 लाख का बीमा हड़पने लापता भाई का ढूंढा हमशक्ल, फिर कर दी हत्या

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अलवर।
जिले में 60 लाख रुपये की बीमा राशि हड़पने के लिए एक युवक की हत्या के मामले में अदालत ने मुख्य आरोपी अनिल खत्री को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला उस सनसनीखेज षड्यंत्र के उजागर होने के बाद आया है, जिसमें अनिल और उसके साथियों ने एक निर्दोष युवक की हत्या कर उसे अनिल के लापता भाई सुनील के रूप में पेश करने की कोशिश की थी। अदालत ने स्पष्ट टिप्पणी की कि योजनाबद्ध और उद्देश्यपूर्ण हत्या के मामलों में किसी तरह की रियायत नहीं दी जा सकती।
सरकारी वकील नवनीत तिवारी के अनुसार, अलापुर निवासी अनिल का भाई सुनील लंबे समय से लापता था। अनिल ने सुनील की एलआईसी पॉलिसी के 60 लाख रुपये प्राप्त करने की नीयत से उसे मृत दिखाने की साजिश रची। इसके लिए उसने पवन और याकूब के साथ मिलकर ऐसा व्यक्ति खोजा, जिसकी शारीरिक बनावट सुनील से मेल खाती हो।
इसी योजना के तहत आरोपियों ने सालपुर निवासी 24 वर्षीय रामकेश को चुना, जो अलवर के महावीर ढाबे पर काम करता था। पहले उससे दोस्ती की गई, फिर 30 सितंबर को उसे नए कपड़े और जूते दिलाए गए। इसके बाद उसे बोलेरो में बैठाकर शराब पिलाई गई और योजनाबद्ध तरीके से उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद रामकेश की जेब में सुनील खत्री का वोटर आईडी कार्ड डालकर उसे सुनील साबित करने की कोशिश की गई, ताकि बीमा राशि को क्लेम किया जा सके।
प्रारंभिक तौर पर पुलिस ने शव को सुनील मानते हुए पंचनामा शुरू कर दिया था, लेकिन परिस्थितियों के संदिग्ध लगने पर जांच का दायरा बढ़ाया गया। इसी दौरान पुलिस ने अनिल और पवन को हिरासत में लिया। पूछताछ में अनिल ने अपराध की पूरी कहानी कबूल कर ली, जिसके बाद मामला स्पष्ट हुआ। दो दिन पहले पवन और याकूब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी। शुक्रवार को अनिल स्वयं अदालत पहुंचा, जहां अदालत ने उसे भी दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई। सरकारी वकील नवनीत तिवारी ने कहा कि यह फैसला उद्देश्यपूर्वक रची गई हत्या के खिलाफ सख्त संदेश देता है।

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