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चिकित्सा स्नातकोत्तर (एम.डी./एम.एस.) पाठ्यक्रम प्रवेश नियम-2025 में किए गए बड़े संशोधन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चिकित्सा स्नातकोत्तर (एमडी/एमएस) पाठ्यक्रम प्रवेश नियम-2025 में महत्वपूर्ण संशोधन लागू किए हैं, जिनसे राज्य में नीट पीजी के तहत होने वाली काउंसलिंग प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी हो सकेगी। इन संशोधनों के अनुरूप अब संपूर्ण काउंसलिंग प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से चार चरणों—प्रथम, द्वितीय, तृतीय (मॉप-अप राउंड) तथा चतुर्थ में आयोजित की जाएगी। सीटों के रिक्त रहने की स्थिति में, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्दिष्ट प्रवेश की अंतिम तिथि से पूर्व अतिरिक्त चरण भी बढ़ाए जा सकते हैं। सभी चरणों में पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध रहेगी।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार अब राज्य में पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को (संस्थागत अधिवास) प्राथमिकता दी जाएगी। काउंसलिंग के प्रथम चरण में चयनित अभ्यर्थियों को द्वितीय एवं तृतीय चरण में सीट अपग्रेडेशन का विकल्प मिलेगा। सेवारत अभ्यर्थियों के लिए सेवा अवधि की गणना अब नीट पीजी परीक्षा तिथि तक की जाएगी, जबकि पूर्व में यह सीमा 31 जनवरी थी। इससे समय सीमा बढऩे से अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा। ईडब्ल्यूएस श्रेणी में अभ्यर्थी उपलब्ध न होने पर शेष सीटें अब अनारक्षित श्रेणी में परिवर्तित की जाएँगी। इससे ईडब्ल्यूएस की रिक्त रह गई सीटों पर उचित अभ्यर्थी मिल पाएंगे।
नियमों के अनुसार, किसी अभ्यर्थी को एक बार किसी कॉलेज या संस्था में किसी विषय की आवंटित हो जाने के बाद उसी कॉलेज में पुन: उसी विषय का आवंटन नहीं दिया जाएगा। जिससे सीटों को अनावश्यक रोका नहीं जा सकेगा। द्वितीय और आगामी चरणों में सीट आवंटन के उपरांत, यदि अभ्यर्थी प्रवेश नहीं लेते हैं तो उनकी जमा पंजीकरण राशि (सिक्योरिटी डिपॉजि़ट) नियमों के अनुसार जप्त की जाएगी। जिससे सीटों को अनावश्यक रोका नहीं जा सकेगा। शासन द्वारा इन संशोधनों के जरिए राज्य की चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश प्रक्रिया को अधिक न्यायसंगत, पारदर्शी और अभ्यर्थियों के हित में बनाया गया है।

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