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नक्सली की मां से समर्पण की अपील का आग्रह सरकार की विवशता – कांग्रेस

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रायपुर। गृहमंत्री विजय शर्मा का नक्सल नेता हिडमा और देवा की मां से मिलकर उनको समर्पण करने के लिये अपील करने का आग्रह करना सरकार की विवशता को दर्शाता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यदि उन दोनो को अपनी मां या अभिवावको की बात का इतना ही मान होता तो नक्सलवादी क्यों बनते? कौन माता पिता चाहता है, उनका पुत्र, पुत्री गलत रास्ते पर जाये। गृहमंत्री का यह कदम राजनैतिक प्रोपोगंडा के अलावा कुछ भी नहीं है। सरकार के पास अपनी नीति पराक्रम पर भरोसा नही रह गया है, इसलिए वह अब अनुनय विनय पर उतर आई है। यह बताता है कि सरकार नक्सलवाद के मामले में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।
भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार नक्सल नियंत्रण के मामले में दिग्भ्रमित नजर आ रही है। विशेष तौर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा दोनो के ही बयान बताते है कि यह लोग नक्सल मामले में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की राजनीति कर रहे है। सरकार दावा करती है कि नक्सली उनकी कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर समर्पण कर रहे है, लेकिन सरकार का कोई भी जिम्मेदार नेता यह बताने की स्थिति में नही है कि पिछले दो सालो में सरकार ने नक्सल क्षेत्र के लिये क्या किया? बस्तर के रोजगार, शिक्षा विकास के लिये सरकार ने क्या किया?
शुक्ला ने कहा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद विश्वास विकास सुरक्षा के मूल मंत्र से नक्सलवादी घटनाओं और नक्सलवाद पर कमी आई थी। कांग्रेस की सरकार के समय दूरस्थ क्षेत्रों में कैंप बनाये गये पहुंच मार्ग बनाये गये। अबूझमाड़ में दो पुल बनाया गया। 300 से अधिक स्कूलों को खोला गया, राशन दुकान, अस्पताल खोला गया, 67 से अधिक वनोपजों की खरीदी की गयी। लोगो का भरोसा सरकार और सुरक्षा बलो के प्रति बढ़ा था। नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण हुआ था। 600 से अधिक गांव नक्सल मुक्त हुये थे, नक्सली केवल बीजापुर के कुछ ब्लाक और अबूझमाड़ तक सिमट गये थे।

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