राज्य निर्माण से अब तक मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले की सिंचाई सुविधाओं में 96 प्रतिशत की हुई वृद्धि

रायपुर। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले ने पिछले 25 वर्षों में कृषि क्षेत्र में विस्तार एवं किसानों के सिंचाई प्रबंधन में उत्तरोत्तर प्रगति की है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के पूर्व जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में 43 लघु जलाशय, 02 व्यपवर्तन योजनाएं निर्मित थे। जिससे कुल 8251 हे. क्षेत्र में सिंचाई की जाती थी।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25 वर्ष के सफर में जल संसाधन विभाग द्वारा मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में सिंचित क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य स्थापना से अब तक मध्यम परियोजना मोंगरा बैराज, 01 लघु जलाशय और 27 एनीकट का निर्माण किया गया है। जिससे कुल 7976 हेक्टेयर सिंचित रकबे का विस्तार हुआ है। जिससे सिंचित क्षेत्र में लगभग 96.67 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जिले के मध्यम परियोजनाएं पर नजर डाले तो मोंगरा बैराज परियोजना का निर्माण सन 2008 में पूर्ण कर लिया गया था। योजना का जल भराव क्षमता 32.05 मि.घ.मी. है। मोंगरा बैराज परियोजना से जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के 3670 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है एवं जिला राजनांदगांव के 6651 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जाती है। योजना के निर्माण उपरान्त अंबागढ़ चौकी विकासखण्ड के किसानों के आजीविका में सुधार के साथ किसानों की आय में वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त ग्रीष्म ऋतु में पेयजल एवं निस्तारी हेतु जल की कमीं भी कई इलाकों में दूर हुई है।
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के उपरांत लघु योजनाओं में विकासखण्ड मानपुर में 08 एनीकट का निर्माण किया गया। जिसमें भर्रीटोला, खुर्सेकला, बांधाटोला, चाउरगांव, नादिया नेडग़ांव, दिघवाड़ी, कोतरी, पानाबरस शामिल है। जिससे मानपुर विकासखण्ड में 1801 हे. में सिंचाई की जाती है।
इसी प्रकार विकासखण्ड मोहला में 06 एनीकट का निर्माण किया गया। जिसमें चीलाडबरी, सांगली, केंवटटोला, देवरसुर, भालापुर, धारनी एनीकट शामिल है। जिससे मोहला विकासखण्ड में 548 हे. में सिंचाई की जाती है। विकासखण्ड अंबागढ़ चौकी में 13 एनीकट में मोंगरा, चौंकी, हितागुटा, बिहरीखुर्द, थुहाडबरी, पांगरी, पर्रेमेटा, हेमलकोड़ो, आतरगांव क्र. 01 और 02, माहूद, बोहरनभेड़ी, गौलीटोला एनीकट तथा 01 लघु जलाशय चिखलाकसा का निर्माण किया गया है। जिससे अंबागढ़ चौकी विकासखण्ड में 1957 हे.में सिंचाई की जाती है।
इन सभी परियोजनाओं से न केवल जिले के सिंचाई क्षेत्र में विस्तार हुआ, बल्कि किसानों की आमदनी और जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार आया है। बढ़ी हुई सिंचाई सुविधा के कारण फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है और समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसान आर्थिक रूप से सशक्त भी हुए हैं।







