शासकीय राजीव लोचन कॉलेज में 10 से 17 तक फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम

राजिम। शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम में 10 से 17 नवंबर तक पीएम ऊषा के तहत फैकेल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। 10 नवम्बर को कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इसका उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अंजलि अवधिया, संयुक्त संचालक, रुसा, उच्च शिक्षा विभाग रायपुर थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्रमुख प्राचार्य डॉ. सविता मिश्रा ने की।
मुख्य अतिथि ने बताया एक शिक्षक ही समाज में क्रांति ला सकता है। उन्होंने NEP के संदर्भ में बताया कि NEP से बच्चों का सभी क्षेत्रों में विकास होगा जिसमें वो अपने विषय के साथ अन्य विषयों की भी जानकारी प्राप्त करेंगे। उन्होंने बच्चों को पढ़ने एवं सीखने की विभिन्न गतिविधियां बताई जिससे बच्चे आसानी से विषयों के प्रति आकर्षित होंगे। इंटर्नशिप के माध्यम से बच्चे कॉलेज के बाहर प्रायोगिक रूप से जानकारी हासिल करेंगे। उन्होंने अनुसंधान का जीवन में महत्व बताया। शोध के लिए किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं है। हम अपने आस पास की छोटी छोटी समस्याओं का शोध के द्वारा समाधान उत्पन्न कर सकते है। उन्होंने भाषा की बाधा का समाधान करते हुए बताया कि विद्यार्थी जीवन में कोई भाषा के कारण बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। विभिन्न माध्यमों से बच्चे भाषा का अनुवाद कर सकते है। यह बात उन्होंने अंग्रेजी के संदर्भ में कही।
संस्था के प्राचार्य के द्वारा महाविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । इसमें उन्होंने बताया कि महाविद्यालय के छात्र छात्राएं बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के अंतर्गत होने वाली परीक्षाओं में प्रवीण्य सूची में स्थान बनाया है। इसके साथ ही एनसीसी के छात्र छात्राओं का अग्नि वीर में चयन हुआ है। विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धा में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उपलब्धियां अर्जित की एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ भानु प्रताप नायक व सदस्य डॉ. राजेश बघेल, आकाश बाघमारे, मनीषा भोई, मुकेश कुर्रे, तामेश्वर मार्कण्डेय, डॉ सर्वेश कौशिक पटेल व तकनीकी सहायक मनीष साहू, टेमन साहू , वासुदेव धीवर को कार्यक्रम के संचालन हेतु बधाई दी।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भानुप्रताप नायक ने कहा कि इन सात दिनों में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता, अनुसंधान, नवाचार, प्रौद्योगिकी, भारतीय ज्ञान परंपरा एवं आधुनिक शिक्षा के बारे में जानकारी दी जाएगी। यह कार्यक्रम हाइब्रिड मोड में संचालित है जिसमें प्रतिभागी ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में जुड़े है।
दूसरे सत्र में ओमप्रकाश बारापात्रे एसोसिएट प्रोफेसर, बी. आई. टी. रायपुर ने आईसीटी के प्रकार, डिजिटल उपकरण और इसका व्यावहारिक प्रदर्शन के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने फीडबैक मैकेनिज्म के बारे में बताया कि हम विद्यार्थियों को पढ़ाते है लेकिन पढ़ने के पश्चात फीडबैक नहीं लेते है जो हमें लेना चाहिए। फीडबैक के माध्यम से विद्यार्थी एवं शिक्षक का मूल्यांकन किया जा सकता है। इससे विद्यार्थी एवं शिक्षक का संबंध मजबूत होता है और वे छात्र से शिक्षण के माध्यम से जुड़ते है। फीडबैक विभिन्न प्रकार के मूल्यांकन तकनीकों से किया जा सकता है जिससे कमियों को सुधारा भी जा सकता है।
इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. भानु प्रताप नायक सहायक प्राध्यापक गृह विज्ञान हैं।
कार्यक्रम का संचालन मुकेश कुर्रे सहायक प्राध्यापक वनस्पति शास्त्र एवं आभार व्यक्त डॉ. राजेश बघेल सहायक प्राध्यापक, समाजशास्त्र ने किया।








