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अडानी को फायदा पहुंचाने सरकार अत्याचारी बन गई, रायगढ़ कलेक्ट्रेट में भूखे प्यासे आदिवासी सपरिवार धरने पर – बैज

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि रायगढ़ के आदिवासी अपनी घर और जमीन छीनेजाने के डर से, कल से अभी तक अपने बच्चों को गोद में लिए कल से बिना खाना खाये, चना-मुर्रा खाकर कलेक्ट्रेट के सामने सोने को मजबूर हैं। इन आदिवासियों की माँग है की धरमजयगढ़ के अडानी कोल ब्लॉक पुरूंगा में 11 तारीख़ को होने वाली जनसुनवाई को निरस्त किया जाये।
विष्णुदेव साय अपने आप को जनजातीय मुख्यमंत्री बताकर, मुख्यमंत्री निवास के मखमली बिस्तर पर गहरी नींद में सो रहे हैं, दूसरी तरफ़ रायगढ़ के आदिवासी अपनी ज़मीन और घर को बचाने इस कड़कड़ाती ठण्ड में सड़क पर हज़ारों आदिवासी सोने को मजबूर हैं।
बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार से मांग करती है कि सरकार जन भावनाओं की कद्र करे पुरूंगा की खदान का आबंटन रद्द करे अन्यथा कांग्रेस इस आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैलाएगी। रायगढ़ और धरमजयगढ़ के जिन क्षेत्रों में कमर्शियल मीनिंग के लिए अडानी को कोल ब्लॉक आवंटित किया जा रहा है, वह पांचवी अनुसूची के क्षेत्र हैं, छत्तीसगढ़ में पेसा कानून लागू है, वनभूमि के भीतर नए खदानों के आबंटन पर संबंधित ग्राम सभाओ की आपत्ति है, स्थानीय आदिवासी विरोध में आंदोलित हैं, किसके बावजूद सरकार का रवैया बेहद आपत्तिजनक है। भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ के बहुमूल्य खनिज संसाधन, जैव विविधता, जल जंगल जमीन और वनों को मोदी के मित्र अडानी के मुनाफे के लिए समर्पित करके छत्तीसगढ़ को अडानीगढ़ बनाना चाहती है।

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