शिक्षको को एसआईआर ड्युटी से हटाया जाए, समयावधि बढ़ाए सरकार – मौर्य

जगदलपुर। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य के द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर आज शुक्रवार काे प्रेसवार्ता में कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया में भाजपा सरकार कई स्कूलों के 90 प्रतिशत शिक्षकों को बीएलओ बना दिया गया है। इसके चलते बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। जनवरी में प्री बोर्ड, छमाही परीक्षाओं के अलावा दसवीं और बारहवीं के प्रैक्टिकल एग्जाम होने हैं, इससे शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगी । इसका जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए। वही एसआईआर की प्रक्रिया के लिए समयावधि बढ़ाए सरकार एक महीने का समय प्रयाप्त नहीं है,नवंबर माह में किसानों की धान कटाई का मुख्य माह होता है। और समस्त किसान इस कार्य में पूर्णतःव्यस्थ रहते हैं। हमारी मांग है इसके लिए सरकार को एसआईआ की प्रक्रिया के लिए समयावधि बढ़ाना चाहिए साथ ही स्कूलों के शिक्षक को एसआईआर ड्युटी से हटाया जाए।
पत्रवार्ता में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने हस्ताक्षर अभियान को लेकर कहा कांग्रेस पार्टी पर जैन मंदिर विरोध का आरोप लगाना पूर्णतः गलत है। इसकी कांग्रेस पार्टी पूर्ण निंदा करती है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ जनहित की मांग अनुसार हस्ताक्षर अभियान चलाया है, और उसका उद्देश सिर्फ यही है कि वहां पर मल्टी पार्किंग का निर्माण हो सके ताकि आने वाले समय में शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संपादित हो सके। अभी तक प्रतापदेव वार्ड की जमीन शासकीय नजूल भूमि है, और न किसी समाज को दी गई है, और यदि वह जमीन दिगंबर समाज को दे दी गई होती तो उनका आरोप सत्य होता। दिगंबर जैन समाज को इस विषय पर जरूर ध्यान देना चाहिए। आज पर्यंत तक वह जमीन शासकीय नजूल है, और यह आरोप सरासर गलत है। कांग्रेस पार्टी से हस्ताक्षर अभियान के पूर्व कई समाजों ने कहा था कि वहां पर मल्टी पार्किंग बन चाहिए। जिसके लिए कांग्रेस पार्टी ने जनमत हेतु हस्ताक्षर अभियान चलाया। इसके अलावा यादव समाज, आदिवासी समाज ने भी अपने समाजिक भवन हेतु उक्त जमीन की मांग की है और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है। यहां के चुने हुए महापौर, चुने हुए स्थानीय विधायक व चुने हुए सांसद को जनता के बीच जनमत के आधार पर कार्य करना चाहिए । इस दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष लता निषाद,व्यापारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजेंद्र पटवा, निकेत झा,नीतीश शर्मा,खीरेंद्र यादव आदि मौजूद रहे ।







