Madhya Pradesh

सुनीता का नक्सल जीवन छोड़ परिवार के पास लौटना

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बालाघाट। वर्षों तक जंगलों में नक्सली गतिविधियों में फंसी सुनीता ने आखिरकार आत्मसमर्पण कर अपने माता-पिता से मुलाकात की। लंबे समय तक घर से दूर रहने के बाद जब वह अपने परिवार के सामने आई, तो माता-पिता की खुशी और राहत का दृश्य दिल को छू लेने वाला था। सुनीता को जबरन नक्सली संगठन में शामिल किया गया था और परिवार को उसकी खबर नहीं मिल पाई थी। पुलिस और प्रशासन की पहल से सुनीता ने 1 नवंबर को आत्मसमर्पण किया। अब उसके पुनर्वास और समाज की मुख्यधारा में वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर अपने परिवारों के पास लौटें।

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