बस्तर में विवाद और समस्याओं का ग्राफ
जगदलपुर से कई अहम घटनाओं और मुद्दों की खबरें सामने आई हैं। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ और समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने अपनी चार सूत्रीय मांगों को लेकर पुरानी कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि 2058 सहकारी समितियों को मार्कफेड की पेनाल्टी नीति और धान परिवहन में देरी के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है और उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिल रहा है। वहीं, बस्तर में नक्सलवाद समाप्त करने के लिए निर्णायक अभियान की तैयारी पूरी हो चुकी है और 1 अप्रैल 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने की योजना है। जिले में ब्लॉक स्तरीय बस्तर ओलंपिक के आयोजन से युवाओं में उत्साह देखा गया, जबकि वन्यजीवों की गणना 2018 के बाद बंद होने से जंगलों में जैव विविधता संकट में है। धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को लेकर सिंधी समाज ने धरना देकर 6 नवंबर को नगर बंद की चेतावनी दी, वहीं दलपत सागर मार्ग पर दुर्घटनाओं में वृद्धि और जर्जर हाईवे की स्थिति से जनता में आक्रोश है। शहर में पार्किंग की समस्या को देखते हुए कांग्रेस ने मल्टी स्टोरी पार्किंग निर्माण के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इन खबरों से स्पष्ट है कि जगदलपुर में प्रशासनिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, जिनके समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।
 
 



