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धर्मांतरण रोकने वाले होर्डिंग्स को हाईकोर्ट ने ठहराया वैध

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कांकेर जिले के कई गांवों में पादरियों और धर्मांतरित ईसाइयों के प्रवेश पर बैन लगाने वाले होर्डिंग्स को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए ये होर्डिंग्स असंवैधानिक नहीं हैं और ग्राम सभाओं ने स्थानीय जनजातियों और सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए इन्हें एहतियाती कदम के रूप में लगाया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ग्राम पंचायतों ने पेसा एक्ट का हवाला देकर होर्डिंग्स लगाए हैं, जो संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) और 25 का उल्लंघन हैं। हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि सर्कुलर केवल अनुसूचित जनजातियों की पारंपरिक संस्कृति की रक्षा के लिए है और इसमें धार्मिक नफरत फैलाने का कोई निर्देश नहीं है। डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं को पेसा नियम 2022 के तहत ग्राम सभा और संबंधित अधिकारी के पास जाने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद यह निर्णय सुनाया कि इन होर्डिंग्स का उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना और धर्मांतरण को रोकना है।

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