Chhattisgarh

सौर ऊर्जा से गांव-शहर में नई रौशनी का सफर

Share

रायपुर। 25 साल के छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा का तेजी से विकास हो रहा है। बस्तर के नक्सल प्रभावित गांव से लेकर शहरों तक बिजली की आपूर्ति अब केवल थर्मल पावर पर निर्भर नहीं है। छत्तीसगढ़ अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) शहर और गांवों में सोलर पावर प्लांट, सोलर पम्प, सोलर हाईमास्ट और ऑफ-ग्रिड सोलर संयंत्र स्थापित कर बिजली की पहुंच बढ़ा रहा है। नवा रायपुर को प्रदेश की पहली सोलर सिटी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है, जिसमें सरकारी भवन, स्टेडियम और रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से जगमगाएंगे।

राज्य में ऊर्जा शिक्षा उद्यानों में भी सोलर प्लांट लगाए जा रहे हैं। रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, कबीरधाम, बस्तर, कोटमीसोनार और पाटन में कुल 98 किलोवॉट क्षमता के प्लांट स्थापित हैं। भारत सरकार के नेट जीरो मिशन के तहत इन विद्युत उपभोगों को ऑन-ग्रिड सोलर पावर से नेट जीरो करने का प्रयास किया जा रहा है।

राजनांदगांव में देश का पहला बैटरी स्टोरेज सोलर प्लांट भी स्थापित किया गया है। इस 900 करोड़ रुपए की परियोजना में बड़ी बैटरी स्टोरेज क्षमता है, जिससे बिजली तीन घंटे तक निरंतर उपलब्ध रहती है और रोजाना पावर कंपनी इसका उपयोग कर रही है। छत्तीसगढ़ सौर ऊर्जा में देश में अग्रणी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button