सीएम साय ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के त्वरित भुगतान और लघु वनोपज स्टार्टअप को बढ़ावा देने के दिए निर्देश

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय में कलेक्टर और डीएफओ कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें वन विभाग के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को सात से पंद्रह दिनों के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए और यह पूरी प्रक्रिया बैंक खातों के माध्यम से पारदर्शी तरीके से हो। साथ ही, प्रत्येक संग्राहक को भुगतान की जानकारी SMS के माध्यम से भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
सीएम साय ने बताया कि अब तक लगभग 15 लाख 60 हजार संग्राहकों को जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिलों में हुए तेंदूपत्ता संग्रहण की समीक्षा करते हुए अगले सीजन के लिए ठोस कार्य योजना तैयार करने को कहा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने लघु वनोपज आधारित स्टार्टअप और वन धन केन्द्रों को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ हर्बल और संजीवनी के उत्पादों को राज्य और देश स्तर पर पहचान दिलाई जाए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इन उत्पादों की बिक्री बढ़ाने पर बल दिया जाए, ताकि जैविक उत्पादों का मार्केट विकसित हो सके।
इसके साथ ही, उन्होंने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। धमतरी, मुंगेली और जीपीएम जिले में इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी साझा की गई। सीएम ने कहा कि कृषि और उद्यानिकी विभाग के सहयोग से औषधीय पौधों की खेती का विस्तार और प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि ग्रामीण आजीविका मजबूत हो और पारंपरिक उपचार ज्ञान को भी बढ़ावा मिल सके।
बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक व्ही. श्रीनिवास राव सहित सभी कलेक्टर और डीएफओ मौजूद रहे।
