कांकेर में आत्मसमर्पित नक्सली जोड़े ने थाने में रचाई शादी, बंदूक छोड़ थामा प्रेम का हाथ

बस्तर अंचल से एक प्रेरणादायक खबर सामने आई है। कभी जंगलों में बंदूक थामे हिंसा का रास्ता अपनाने वाले नक्सली अब समाज की मुख्यधारा में लौटकर नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं। कांकेर जिले के पखांजुर थाना परिसर में रविवार को आत्मसमर्पित नक्सली सागर हिरदो और सचिला मांडवी ने एक-दूसरे का हाथ थामकर शादी की। फूलों से सजे मंडप में मंत्रोच्चार के बीच दोनों ने सात फेरे लिए और प्रेम, विश्वास और शांति का संदेश दिया।
थाने में हुआ यह विवाह पुलिस और ग्रामीणों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। सागर ने 2014 में और सचिला ने 2020 में नक्सल संगठन छोड़ आत्मसमर्पण किया था। दोनों पुनर्वास योजना के तहत समाज की मुख्यधारा से जुड़े और यहीं से उनके रिश्ते की शुरुआत हुई। पुलिस अधिकारियों की प्रेरणा से यह विवाह संपन्न हुआ।
कभी जिन हाथों में बंदूक थी, अब उनमें मेहंदी सजी है — यह विवाह न सिर्फ दो लोगों का मिलन है, बल्कि नए बस्तर की बदलती तस्वीर और उम्मीद की एक नई कहानी है।
