बस्तर में गर्भवती महिला को 4.5 किमी खाट पर ले गए ग्रामीण, सड़क सुविधा नहीं
जगदलपुर के चितालगुर पंचायत के अंतर्गत आने वाले एफआरए दर्जा प्राप्त गांव गुड़ियापदर से एक मार्मिक घटना सामने आई है। यहां सड़क और एंबुलेंस सुविधा के अभाव में ग्रामीणों ने पांच महीने की गर्भवती महिला को रात में खाट पर लादकर जंगल और नदी-नालों से होकर 4.5 किलोमीटर पैदल चलकर मुख्य सड़क तक पहुंचाया। महिला का घर पर ही मिसकैरेज हो गया था और तबीयत बिगड़ने पर उसे चितालगुर लाया गया, जहां से एंबुलेंस बुलाकर जगदलपुर मेडिकल कॉलेज (डिमरापाल) में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे चार यूनिट ब्लड चढ़ाया गया है।
गुड़ियापदर गांव कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर स्थित है, जहां सड़क, बिजली और आंगनबाड़ी जैसी मूलभूत सुविधाएं अब तक नहीं पहुंची हैं। स्वास्थ्य सेवाएं केवल चितालगुर पंचायत तक सीमित हैं, जिससे गांव की महिलाओं को इलाज के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। लगभग 35 परिवारों वाला यह गांव आज भी विकास की मूल सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है।
