इंदौर में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी: न्याय, प्रौद्योगिकी और वैश्विक सहयोग पर चर्चा

इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में सर्वोच्च न्यायालय और देशभर के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञ एवं विदेशी प्रतिनिधि शामिल हुए। संगोष्ठी के अंतिम दिन कानून, प्रौद्योगिकी और वैश्विक सहयोग के बीच संबंधों पर गहन चर्चा हुई।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार महेश्वरी ने भारत में मध्यस्थता न्यायशास्त्र की प्रगति पर प्रकाश डाला और इसे अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप बनाने की आवश्यकता बताई। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने कहा कि न्याय प्रणाली को लचीला, समावेशी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना जरूरी है, तथा प्रौद्योगिकी न्याय को रूपांतरित करने वाली शक्ति है।
तकनीकी सत्रों में भारत और यूरोपीय संघ के मध्यस्थता कानून, ऑनलाइन साइबर अपराध, और बौद्धिक संपदा एवं नवाचार जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने विचार साझा किए।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने न्यायिक डिजिटलीकरण के तहत नई पहलें शुरू कीं, जिनमें ऑनलाइन इंटर्नशिप फॉर्म, केस डायरी ऑनलाइन संचार प्रणाली, और “समाधान आपके द्वार” जैसे डिजिटल नवाचार शामिल हैं। साथ ही, दावों के ऑनलाइन प्रबंधन के लिए MACT पोर्टल की व्यवस्था भी शुरू की गई। संगोष्ठी में यह संकल्प लिया गया कि कानून, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक संवाद निरंतर जारी रहेगा।
