नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई: छत्तीसगढ़ सरकार की रणनीति

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सरकार और सुरक्षाबलों की मुहिम को बड़ी सफलता मिल रही है। हाल ही में, सुकमा और नारायणपुर जिलों में 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें शीर्ष नक्सली नेता भी शामिल हैं। सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को तत्काल आर्थिक सहायता, शिक्षा, आवास, और आजीविका के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन ‘कगार’ के तहत नक्सलियों के खिलाफ कई सफल अभियान चलाए हैं, जिसमें 24 घंटे में 60 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन प्रयासों की सराहना की है और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का वादा किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पिछले 11 महीने में लगभग 200 नक्सलियों का खात्मा हुआ है और सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करना है।
नक्सलवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सुरक्षाबलों की सफलता और सरकार की नीतियों का परिणाम है कि नक्सली संगठन कमजोर हो रहे हैं और उनके सदस्य आत्मसमर्पण कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह गति बनी रही, तो छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सल मुक्त राज्य बन सकता है। सरकार की दोहरी रणनीति—सुरक्षाबलों का दबाव और विकास योजनाओं के जरिए विश्वास निर्माण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव की लहर पैदा कर रही है।
