पेड़ के नीचे पढ़ाई को मजबूर बच्चे: स्कूल भवन पर टेंट हाउस का कब्जा

गरियाबंद जिले के नवागांव प्राथमिक शाला की स्थिति शिक्षा व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर पेश करती है। सरकार जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है, वहीं इस स्कूल के छात्र आज भी धूप और बारिश में पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं। दरअसल, स्कूल का भवन जर्जर हो चुका है और उसकी मरम्मत के लिए करीब डेढ़ लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन पिछले एक साल से भवन पर एक टेंट हाउस संचालक का कब्जा है, जिसने अपनी सामग्री वहीं रखी हुई है। कई बार मौखिक और लिखित शिकायतों के बावजूद न तो टेंट संचालक ने सामान हटाया और न ही प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया। इस लापरवाही के कारण मरम्मत की राशि अब लेप्स होने के कगार पर है। फिलहाल 34 छात्रों में से अधिकांश को एक छोटे से कमरे में ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है, जबकि कक्षा पाँच की पढ़ाई बरगद के पेड़ के नीचे होती है। बारिश के दिनों में स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्राम सरपंच को तीन दिन का समय दिया गया है ताकि भवन खाली कराया जा सके, अन्यथा पुलिस की मदद ली जाएगी। यह मामला इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा के अधिकार की बातें केवल कागजों में सीमित रह गई हैं, जबकि वास्तविकता में बच्चे अब भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं।
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