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नान घोटाला, जाँच एजेंसी बदलने की मांग अनुचित

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बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नान घोटाले की जांच सीबीआई से कराने संबंधी याचिकाओं को निराकृत कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि अब विचारण न्यायालय में धारा 319 के तहत आवेदन लगाकर आगे की कार्रवाई की जा सकती है। यह मामला 2015 का है और इसमें कई लोगों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी, लेकिन एसीबी ने अपनी जांच में कुछ लोगों को अभियुक्त नहीं बनाया था।
नान घोटाले में अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी बदलने की मांग अब उचित नहीं लगती क्योंकि मामला 10 साल से अधिक पुराना है और विचारण अंतिम चरण में है।
एसीबी ने अपनी जांच में 224 में से 170 गवाहों की गवाही पूरी कर ली है और अब आगे की कार्रवाई विचारण न्यायालय में की जा सकती है।

अब विचारण न्यायालय में धारा 319 के तहत आवेदन लगाकर उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है जिनकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी लेकिन एसीबी ने अभियुक्त नहीं बनाया था। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि नान घोटाले की जांच अब और नहीं बढ़ाई जाएगी और मामले का निपटारा जल्द से जल्द किया जाएगा।

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