भूपेश बघेल से मिलने पर कांग्रेस पर्यवेक्षक पर कार्रवाई, भाजपा ने उठाए सवाल: “अब क्या कांग्रेस को बघेल से एलर्जी हो गई है?”
रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। दुर्ग जिले में कांग्रेस संगठन सृजन प्रक्रिया के लिए नियुक्त पर्यवेक्षक अजय कुमार लल्लू को उनके पद से हटाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा ने इस कार्रवाई को कांग्रेस के भीतर चल रहे अंतर्विरोधों का परिणाम बताया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने तीखा हमला करते हुए कहा कि,
“तो अब क्या कांग्रेस को भूपेश बघेल से एलर्जी हो गई है?”
उन्होंने कहा कि अजय कुमार लल्लू पर सिर्फ इसलिए कार्रवाई हुई क्योंकि वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलने उनके निवास पर गए थे। इससे पहले भी पूर्व मंत्री रविंद्र चौबे को भूपेश बघेल का नाम लेने पर माफी मांगनी पड़ी थी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उन्हें कई दिनों तक मिलने का समय तक नहीं दिया।
चिमनानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की भीतरू कलह अब संगठनात्मक कामकाज को भी प्रभावित कर रही है। उन्होंने कहा कि:
- चौबे ने सिर्फ बघेल का नाम लिया तो माफी मांगनी पड़ी,
- अब लल्लू उनके घर गए तो उन्हें पद से हटा दिया गया।
- इससे साफ होता है कि कांग्रेस में भूपेश बघेल को लेकर गहरी नाराज़गी या असहजता है।
उन्होंने याद दिलाया कि खुद भूपेश बघेल ने भी एक बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की मौजूदगी में दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे। इसके जवाब में महंत ने मंच से नेताओं को “अपने चमचों को काबू में रखने” तक की सलाह दी थी।
चिमनानी ने कांग्रेस की अंदरूनी घटनाओं की एक श्रृंखला गिनाते हुए कहा:
- मंच पर पूर्व आदिवासी विधायक अमरजीत भगत का माइक छीना गया,
- राजीव भवन में कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का मोबाइल चोरी हुआ,
- अब संगठन सृजन में भी फूट और गुटबाजी साफ दिख रही है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस इतिहास की सबसे गहरी अंतर्कलह से गुजर रही है और यही वजह है कि वह लगातार चुनाव दर चुनाव हार का सामना कर रही है।
“छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का पतन अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है,”
चिमनानी ने कहा।
