Chhattisgarh

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, सुशासन व समावेशी विकास का दिया मंत्र

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रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में कलेक्टर्स-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया और प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों से समावेशी और जवाबदेह शासन व्यवस्था के लिए समर्पण भाव से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास को बनाए रखना सुशासन की सबसे बड़ी कसौटी है, इसलिए सभी अधिकारी मिशन मोड में काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर अधिकारी अपने कार्यकाल को यादगार बनाए, नवाचार करें, और समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाएं।

मुख्यमंत्री ने ‘गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट’ की दिशा में अग्रसर होने की बात कहते हुए योजनाओं को तेज़ी से लागू करने, स्थानीय जनता और जनप्रतिनिधियों से संवाद बनाए रखने और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की बात कही। उन्होंने कृषि, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और प्राकृतिक खेती को प्रदेश की प्राथमिकताएं बताया।

सिंहस्थ-2028 की तैयारियों पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन मध्यप्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच देगा, इसलिए अभी से सभी जिलों में धार्मिक स्थलों के विकास पर ध्यान देना होगा।

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि “विकसित मध्यप्रदेश @2047” के विजन डॉक्युमेंट पर तेजी से काम हो रहा है और जल्द ही इसे लॉन्च किया जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से आधुनिक तकनीक और नवाचार के जरिए समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने और सीएम हेल्पलाइन को गंभीरता से लेने की बात कही।

कॉन्फ्रेंस में सभी वरिष्ठ अधिकारियों, कमिश्नरों, कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ की उपस्थिति रही। दो दिवसीय इस बैठक में शासन की प्राथमिकताओं, योजनाओं की दक्षता, और लोकसेवा की गुणवत्ता पर विस्तृत चर्चा की जा रही है।

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