कोरबा कलेक्टर को हटाने के मामले में सरकार झुकी, कंवर ने धरना किया स्थगित

रायपुर/कोरबा। पूर्व गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर को कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत के खिलाफ धरना देने से पहले ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया था । इससे भाजपा की भारी किरकिरी हुई। इसके बाद राज्य सरकार और संगठन को झुकना पड़ा।
भ्रष्टाचार, प्रशासनिक गड़बड़ियों और आदिवासी हितों की उपेक्षा के आरोपों को लेकर कोरबा कलेक्टर को हटाने की मांग कर रहे ननकीराम कंवर को बीती शाम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव सिंह ने पार्टी कार्यालय बुलाकर मुलाकात की और उनकी मांग स्वीकार करते हुए धरना समाप्त करने की अपील की। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत को अगले सप्ताह हटा दिया जाएगा।
धरना स्थगित करने की घोषणा करते हुए ननकीराम कंवर ने मीडिया से कहा, “मुख्यमंत्री राजधानी से बाहर हैं, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के आश्वासन पर उन्हें पूरा भरोसा है। सीएम इसकी अनदेखी नहीं कर सकते। यदि आश्वासन पर अमल नहीं हुआ, तो हमारे पास अन्य लोकतांत्रिक विकल्प खुले हैं।” श्री
कंवर ने कहा कि वे हमेशा जनता की समस्याओं पर मुखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय जब वे मंत्री थे, तब राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 27 प्रतिशत तक पहुंच गया था और अपराध दर में भी गिरावट आई थी।
पूर्व गृहमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष उनके राजनीतिक करियर में बाधा बन रहे हैं और पिछले चुनाव में हराने की साजिश का भी हिस्सा रहे हैं। कंवर ने कहा कि उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए।
उनके हाउस अरेस्ट की खबरें राज्य से लेकर दिल्ली तक के अखबारों की सुर्खियां बनी। इस मुद्दे को विपक्ष ने प्रदेश में आदिवासी नेताओं का अपमान और उपेक्षा करने का आरोप लगते हुए हमलावर हो गई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के आश्वासन के बाद सरकार क्या कार्रवाई करती है यह देखने वाली बात होगी ।






