अमित शाह की हुंकार: 31 मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद होगा खत्म, मुड़िया दरबार को बताया वैश्विक लोकतांत्रिक धरोहर

जगदलपुर में ऐतिहासिक बस्तर दशहरा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए इसे 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने की हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि दशकों तक यह भ्रम फैलाया गया कि नक्सलवाद विकास की लड़ाई है, जबकि सच यही है कि इसकी वजह से बस्तर विकास से महरूम रह गया। शाह ने दंतेश्वरी माई के दर्शन के बाद लालबाग मैदान में जनता को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गांव-गांव तक विकास पहुंचा है, लेकिन बस्तर में नक्सलवाद ने इसे रोक रखा है। उन्होंने गुमराह युवाओं से मुख्यधारा में लौटने की अपील करते हुए सरेंडर पॉलिसी का लाभ उठाने को कहा, जिसमें एक महीने में 500 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
गृह मंत्री ने मुड़िया दरबार की लोकतांत्रिक परंपरा को अद्भुत बताते हुए इसे विश्व की लोकतांत्रिक विरासत में स्थान देने योग्य बताया। उन्होंने कहा कि यह परंपरा 1874 से आज तक आदिवासी संस्कृति, न्याय और जनसंवाद की मिसाल रही है। इसके साथ ही उन्होंने स्वदेशी के उपयोग और जीएसटी में की गई कर कटौती को भी रेखांकित किया, जिससे आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। अमित शाह के इस दौरे को बस्तर में भयमुक्त वातावरण और विश्वास की वापसी का प्रतीक माना जा रहा है।
