गरियाबंद में गर्भवती को खाट पर बांध कर पार कराई उफनती नदी, विकास कार्यों पर उठे सवाल

गरियाबंद (छत्तीसगढ़)। एक ओर जहां देश अंतरिक्ष में चांद तक पहुंच चुका है, वहीं दूसरी ओर गरियाबंद जिले के मैनपुर तहसील क्षेत्र में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी ने सिस्टम की पोल खोल दी है। हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने लोगों को झकझोर कर रख दिया, जिसमें प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक गर्भवती महिला को खाट पर बांधकर उफनती ‘अमाड़ नदी’ पार कराई गई। वजह—गांव में आज तक एंबुलेंस की सुविधा नहीं पहुंच पाई और पुल के अभाव में ग्रामीणों को हर बार नदी पार कर ही मुख्य सड़क या नेशनल हाईवे तक पहुंचना पड़ता है।
दशहरे के दिन यह मार्मिक दृश्य तब देखने को मिला जब महिला की हालत बिगड़ने लगी। परिजनों ने उसे खाट पर बैठाया, फिर रस्सी से बांध दिया ताकि बहते पानी में कोई हादसा न हो। करीब 5-6 ग्रामीणों ने मिलकर उफनती नदी पार कर उसे सड़क तक पहुंचाया, जहां से किराए की गाड़ी लेकर महिला को देवभोग अस्पताल पहुंचाया गया।
इस घटना के वीडियो सामने आने के बाद शासन-प्रशासन के विकास कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं। दशहरे के दिन ही गरियाबंद जिले की 7 तहसीलों में रिकॉर्ड 471 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें मैनपुर में 90.4 मिमी और अमलीपदर में 101 मिमी बारिश हुई। लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।
एक ओर रिकॉर्ड बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों को जान जोखिम में डालने को मजबूर कर रहा है। यह घटना ना सिर्फ शासन-प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या अब भी अंतिम पंक्ति के गांवों तक विकास की रोशनी पहुंच पाई है?
