धीरेंद्र शास्त्री ने सुनाया मां अंगारमोती से जुड़ा चमत्कार

रायपुर के गुढ़ियारी में 4 अक्टूबर से बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हनुमंत कथा आयोजित होने जा रही है। इस बीच उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित गंगरेल बांध के तट पर विराजमान मां अंगारमोती से जुड़ी अपनी एक चमत्कारी अनुभव साझा करते हैं। पं. शास्त्री ने बताया कि जब वे करीब 15 साल के थे, तब मां अंगारमोती के दर्शन करने गए थे। उस समय चाय पीने की इच्छा होने पर भी वहां कोई दुकान खुली नहीं थी। उन्होंने माता की पूजा-अर्चना की और लौटते समय एक वृद्धा ने उन्हें चना खिलाया और चाय की इच्छा जानकर तुरंत उन्हें चाय भी पिलाई। पं. शास्त्री के अनुसार वह चाय इतनी स्वादिष्ट थी कि वैसी चाय उन्होंने फिर कभी नहीं पी, लेकिन वे जब भी दुबारा वहां गए, वह बूढ़ी माई फिर कभी नहीं दिखीं।
मां अंगारमोती को 52 गांवों की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है और उनका दरबार धमतरी जिले के गंगरेल क्षेत्र में स्थित है। यह स्थल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि देशभर से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां हर साल नवरात्रि और दिवाली के बाद के पहले शुक्रवार को भव्य मेला लगता है। माता को ऋषि अंगारा की पुत्री माना जाता है और उनके चमत्कारों से जुड़ी अनेक कहानियां प्रचलित हैं। विशेष बात यह है कि इस मंदिर में महिलाएं बिना पल्लू लिए पूजा करती हैं और ऐसा माना जाता है कि माता यहां आने वाले भक्तों को खाली हाथ नहीं लौटातीं। खासतौर पर संतान सुख की कामना लेकर आने वाली महिलाएं यहां आस्था के साथ मन्नत मांगती हैं।
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