महिला कर्मी पर महतारी वंदन योजना में फर्जीवाड़े का आरोप

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गया है। पहले सामूहिक विवाह योजना में लाखों रुपये की गड़बड़ी और फरवरी माह को 30 दिन का बताकर भुगतान करने जैसे गंभीर लापरवाही के मामले सामने आए थे, और अब एक नया मामला विभाग की ही संविदा महिला कर्मचारी से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, बालोद जिला कार्यालय में कार्यरत तृतीय वर्ग की संविदा कर्मचारी लक्ष्मी साहू, जो वार्ड क्रमांक 18 में निवास करती है, पिछले 19 महीनों से राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही है, जो केवल पात्र महिलाओं को ही दिया जाता है। जबकि सरकारी कर्मचारी योजना के दायरे में नहीं आते। आरोप है कि उसने अपना पता बदलकर इस योजना का लाभ लिया और विभाग को लंबे समय से आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है। इस मामले में एक शिकायतकर्ता ने कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। आश्चर्य की बात यह है कि जिला कार्यालय में पदस्थ होने के बावजूद अधिकारी इस गंभीर मामले से अनजान बने हुए हैं, जिससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि पूरा मामला उच्च अधिकारियों की जानकारी और संरक्षण में चल रहा हो सकता है। इससे पहले भी विभाग पर कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं, जिनमें सीमेंट की दुकानों से श्रृंगार सामग्री खरीदने जैसे हास्यास्पद मगर गंभीर घोटाले भी शामिल हैं। इस ताजा मामले ने विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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