छत्तीसगढ़ के स्कूल बदहाल: जर्जर भवन और पानी से भरे क्लासरूम

छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों की हालत बदतर होती जा रही है, खासकर गरियाबंद और कांकेर जिले में। दरलीपारा प्राथमिक स्कूल की स्थिति चिंताजनक है, जहां जर्जर भवन की छत से प्लास्टर और सीमेंट की पपड़ियां गिर रही हैं। वहीं कांकेर जिले के माटवाड़ा लाल गांव में शासकीय स्कूल और आंगनबाड़ी में पानी भर गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई है। पालकों ने एसडीएम दफ्तर पहुंचकर 15 दिनों के भीतर मरम्मत की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे। प्रशासन ने भवन मरम्मत का प्रस्ताव भेज दिया है और बजट स्वीकृति का इंतजार कर रहा है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की जर्जर हालत पर गंभीर चिंता जताई है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर निर्देश दिए हैं।
राज्य के कई स्कूलों में जर्जर भवनों की समस्या आम है, जिससे बच्चों और शिक्षकों को खतरा बना रहता है। रायपुर जिले के 1450 सरकारी स्कूलों में से 130 जर्जर हैं और 21 पूरी तरह डिस्मेंटल योग्य हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने मरम्मत के लिए 1 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है, लेकिन अभी भी कई स्कूलों में मरम्मत का काम अधूरा है। छत्तीसगढ़ में 8 हजार से ज्यादा स्कूलों को मरम्मत की जरूरत है, जिससे बच्चों की जान जोखिम में है।
