फर्जी डिग्री वाले डॉक्टर ने की मरीज की जानलेवा गलती

बालोद। बालोद जिले के कांदुल निवासी एक फर्जी डॉक्टर की लापरवाही ने एक युवक की जान ले ली। झोलाछाप डॉक्टर रेखराम साहू द्वारा गलत इलाज किए जाने के कारण एक 40 वर्षीय युवक की मौत हो गई। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी डॉक्टर की कोई वैध डिग्री नहीं थी। इसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इलाज के नाम पर लगाया इंजेक्शन, बिगड़ती हालत के बाद की अनदेखी
मृतक की पहचान सुभाष कुमार जनबंधु (40 वर्ष) के रूप में हुई है, जो ग्राम हज्जूटोला निवासी थे। सुभाष पिछले 14–15 वर्षों से बवासीर की बीमारी से ग्रसित थे और लंबे समय से देसी दवाओं से इलाज करवा रहे थे। 8 मई 2025 को वे अपने पिता आनंदराव जनबंधु के साथ आरोपी रेखराम साहू के पास इलाज के लिए पहुंचे।
परिजनों के अनुसार, डॉक्टर रेखराम ने इलाज के नाम पर ₹8000 वसूले और सुभाष के गुदा द्वार में 9 अलग-अलग इंजेक्शन लगा दिए। अगले दिन सुभाष की तबीयत अचानक बिगड़ गई—उन्हें अत्यधिक रक्तस्त्राव होने लगा और पेट फूलने लगा। परिजनों ने जब डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसने फोन बंद कर लिया और कोई मदद नहीं की। गंभीर हालत में परिजनों ने सुभाष को शंकराचार्य अस्पताल, जुनवानी में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि उनका इलाज गलत तरीके से किया गया था। अत्यधिक रक्त बहाव और संक्रमण के चलते सुभाष की हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः 11 मई 2025 को उसकी मौत हो गई।
फर्जी डिग्री का खुलासा, डॉक्टर गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी गुण्डरदेही द्वारा जांच की गई। जांच में यह साफ हुआ कि रेखराम साहू के पास मेडिकल की कोई मान्य डिग्री या पंजीकरण नहीं है। उसकी डिग्री फर्जी निकली और उसने मरीज के शरीर में इंजेक्शन लगाते समय लापरवाही बरती, जिससे मौत हुई। परिजनों की शिकायत पर थाना अर्जुन्दा में अपराध पंजीबद्ध कर मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल के निर्देशन में एएसपी मोनिका ठाकुर और एसडीओपी राजेश बागडे के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने 18 सितंबर को आरोपी को गिरफ्तार किया और पूछताछ के बाद न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
